2017 में हर रोज 266 व कुल 97,392 मामले दर्ज,राज्यपाल अभिभाषण में खुलासा

खबरें अभी तक। राज्यपाल प्रो. कप्तान सिंह सोलंकी ने बजट अभिभाषण में कानून-व्यवस्था को नियंत्रण में बताते हुए बलात्कारियों के खिलाफ बनाए गए फांसी की सजा के कानून की वाहवाही की। सोलंकी ने कहा कि वर्ष 2017 के दौरान प्रदेश में अपराध की स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में रही है।

इस अवधि के दौरान 97,392 मामले दर्ज किए गए। मसलन प्रदेश में हर रोज 266 केस दर्ज हुए फिर भी सरकार की ओर से बेहतर कानून-व्यवस्था का दावा किया जा रहा है। यह स्थिति तब है जब इसी साल पंचकूला हिंसा में 42 लोगों की मौत हुई और करोड़ों रुपए की प्रॉपर्टी का नुक्सान हुआ। यही नहीं प्रदेश में गैंगरेप की घटनाओं से लोगों को शर्मसार होना पड़ा।

बताया गया कि कुल मामलों में हत्या के 81.73, हत्या प्रयास के 88.47, चोट के 94.65, जनसेवकों पर हमलों के 89.76 तथा अपहरण के 75.70 प्रतिशत मामलों को सुलझाने में सरकार सफल रही है। इस अवधि में जहां 2 बार राज्य में अर्द्धसैनिक बलों की कम्पनियों को बुलाना पड़ा, वहीं डेरा मामले में आर्मी की मदद भी सरकार को लेनी पड़ी।

रेप व गैंगरेप की वारदातों में हुए इजाफे के बावजूद सरकार ने तमाम तरह के अपराध के मामलों को सुलझाने के आंकड़े तो अभिभाषण में रखे हैं लेकिन न तो यह बताया कि एक वर्ष में राज्य में महिला उत्पीडऩ और यौन शोषण के कितने मामले सामने आए और इनमें कितने प्रतिशत पर कार्रवाई की गई।

वहीं, कानून व्यवस्था के मुद्दे पर तो विपक्षी दल इनेलो व कांग्रेस ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी की हुई है। नैशनल क्राइम रिकार्ड ब्यूरो में भी यह खुलासा हो चुका है कि राज्य में आपराधिक घटनाओं में इजाफा हुआ है।

इसके अलावा प्रदेश में अपराध पर काबू करने के लिए सरकार ने सभी पुलिस थानों में 2-2 अतिरिक्त पी.सी.आर. देने का फैसला लिया है। कहा गया कि सरकार ने पुलिसभर्ती के लिए पंजाब के समय से चले आ रहे कानून में संशोधन किया है। पुलिस में भर्ती के लिए इंटरव्यू सिस्टम पूरी तरह से खत्म होगा और जिस परिवार में एक भी सदस्य सरकारी नौकरी में नहीं है, उसे पुलिस भर्ती में प्राथमिकता मिलेगी।