नगरोटा सिविल अस्पताल की एक छोटी सी लापरवाही

खबरें अभी तक। नगरोटा सिविल अस्पताल की एक छोटी सी लापरवाही ने एक परिवार को उम्र भर के लिए बोझिल बना दिया है। दरअसल एक शख्स नगरोटा अस्पताल में सोचकर तो ये गया था कि हम दो हमारे दो. लेकिन अस्पताल प्रशासन ने उनकी इस मंशा को पूरा नहीं होने दिया, और उन्होंने इसे हम दो हमारे तीन बना दिया।

दरअसल एक शख्स ने नगरोटा अस्पताल में परिवार नियोजन के तहत अपनी पत्नी की नसबंदी करवाई थी लेकिन कुछ दिनों बाद जब पत्नी को पेट में दर्द की शिकायत हुई तो उन्होंने डॉक्टर से चैकअप करवाया जहां महिला के गर्भवती होने की पुष्टि हुई और ये पता लगा कि उसकी पत्नी नसंबदी से पहले ही गर्भवती थी।

अब पीड़ित पति का ये कहना है कि अगर उसकी पत्नी नसबंदी से पहले ही गर्भवती थी तो नगरोटा अस्पताल प्रशासन ने इसकी जांच क्यों नहीं की उधर अस्पताल प्रशासन इस बात से कनी काटता हुआ नजर आया और अपनी गलती छुपाने के लिए अबॉर्शन करवाने की बात की जिसके लिए उन्होंने पीड़ित दंपत्ति को टांडा के मेडिकल कॉलेज में भेज दिया।

जहां उन्होंने पीड़ित के आगे शर्त रख दी कि ये भ्रूण हत्या का मामला माना जाएगा और साथ ही ये भी बताया कि इससे जच्चा और बच्चा दोनों को खतरा होगा । फिलहाल पीड़ित शख्स बच्चे को पालने में असमर्थ है और उसने इस बच्चे को अस्पताल प्रशासन की लापरवाही बताते हुए अस्पताल को ही सौंपने की बात कही है। साथ ही इस मामले को कोर्ट तक ले जाने की भी बात पीड़ित ने कही है।