खबरें अभी तक। भाजपा के चुनाव दर चुनाव बढ़ते राजनीतिक ग्राफ के साथ-साथ पार्टी अध्यक्ष अमित शाह भी सियासी कामयाबी के नए मानदंड स्थापित करते जा रहे हैं। त्रिपुरा की जीत के साथ ही शाह ने चार साल से भी कम समय में 14 राज्यों में भाजपा की सत्ता का परचम लहरा दिया है। मौजूदा समय में देश के करीब 75 फीसद भू-भाग पर भाजपा या राजग की सरकारें हैं। वहीं दूसरी तरफ कभी लगभग पूरे देश पर राज करने वाली कांग्रेस अब केवल देश के आठ फीसद भू-भाग तक ही सिमट कर रह गई है।
पार्टी का स्वर्णिम काल-
राजनीतिक जमीन काफी मजबूत-
प्रदीप सिंह का ये भी कहना है की बीते चार वर्षों में भाजपा ने अपनी राजनीतिक जमीन काफी मजबूत की है। राज्यों के चुनावों में जिस तर्ज पर पार्टी ने अपनी रणनीति बने है उसका मुकाबला करने के लिए विपक्ष तैयार नहीं है। उनके मुताबिक बीते चार वर्षों में मोदी शाह की जोड़ी ने एक नई भाजपा को जन्म दिया है जो किसी भी छोटे से छोटे चुनाव को और छोटी से छोटी पार्टियों को कम नहीं आंकती है और उसके लिए रणनीति बनती है। ऐसा पहले नहीं था। यही वजह है की त्रिपुरा में पार्टी जीत दर्ज करवा पाने में सफल रही। त्रिपुरा उन राज्यों में शामिल है जो पोलिटिकल वायलेंस के लिए जाना जाता है और वहा पर तीन वर्षों में पार्टी का कैडर तैयार करना और उसको मजबूत करना पार्टी के लिए बड़ी चुनौती थी जिसमे वो पूरी तरह से कामयाब रही है।