प्रधानमंत्री को लिखे 22 पत्र, एक का भी जवाब नहीं : अन्ना हजारे

समाजसेवी अन्ना हजारे ने बताया कि उन्होंने तीन साल तक इंतजार किया, लेकिन केंद्र में सत्तासीन भाजपा ने जनता से किए वादे को पूरा नहीं किया। उन्होंने किसानों की समस्याओं, लोकपाल विधेयक को लागू करने और मुद्दों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को 22 पत्र लिखे, लेकिन एक का भी जवाब नहीं मिला। ऐसे में अब वह आंदोलन के जरिये ही लोगों की समस्याओं को दूर करेंगे। अन्ना हजारे रविवार को कुरुक्षेत्र में आयोजित कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे।

उन्होंने कहा कि चुनाव से पहले भाजपा ने स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट, लोकपाल बिल को लागू करने जैसे कई वादे किए थे, लेकिन सत्ता पाने के बाद कोई वादा पूरा नहीं किया। अन्ना हजारे ने कहा कि संसद में पास होने के बावजूद केंद्र सरकार की ओर से लोकपाल विधेयक को लागू नहीं जा रहा। हर बार बहाना लिया जाता है कि केंद्र में विपक्ष का नेता नहीं है, जबकि संविधान में ऐसा कुछ नहीं है कि किसी कानून को लागू करने के लिए विपक्ष का नेता जरूरी हो।

उन्होंने कहा कि वे किसानों की लगातार घट रही आय को लेकर चिंतित हैं, इसलिए 23 मार्च को दिल्ली में किसानों की फसलों का लागत से डेढ़ गुना दाम देने की मांग को लेकर आंदोलन शुरू करेंगे। सरकार अगर उनको जगह देगी तो वह रामलीला ग्राउंड में अनशन करेंगे और नहीं तो वह जेल जाने के लिए भी तैयार है।

सीधे तौर पर किसी का प्रचार नहीं करेंगे-

एक सवाल के जवाब में अन्ना हजारे ने कहा कि उनकी विचारधारा से जुड़ा युवा लोकसभा या विधानसभा का चुनाव लड़ सकता है। वे सीधे तौर पर किसी का प्रचार नहीं करेंगे, लेकिन उनके द्वारा गठित कोर कमेटी ऐसे युवाओं को सलाह दे सकती है। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यक्रमों में साथ जुड़ रहे लोगों से शपथ पत्र ले रहे हैं कि वे किसी भी राजनीतिक पार्टी के सदस्य नहीं होंगे और किसी पार्टी की टिकट पर चुनाव नहीं लड़ेंगे।