निजी फर्मो से कवरेज की प्रसार भारती ने दी थी सहमति

अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव के प्रसारण के भुगतान को लेकर उठे विवाद के बीच प्रसार भारती बोर्ड की बैठक से जुड़ा एक दस्तावेज सामने आया है। इसके मुताबिक प्रसार भारती ने इसके लिए सैद्धांतिक सहमति दी थी। यह विवाद हाल में प्रसारण के लिए भुगतान की मांग किए जाने के बाद पैदा हुआ। हालांकि प्रसार भारती ने इसके एनएफडीसी को पैसे देने से पहले ही मना कर चुका है।

सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय से जुडे सूत्रों के मुताबिक प्रसार भारती ने महोत्सव का कवरेज निजी फर्म से कराने को लेकर बोर्ड बैठक के दौरान सहमति दी थी। दस्तावेजों के मुताबिक 25 अक्टूबर को प्रसार भारती बोर्ड की हुई बैठक में जब फिल्म महोत्सव का कवरेज निजी फर्मो से कराने पर चर्चा में हुई तो प्रस्ताव से सहमत थी।

सूत्रों का कहना है कि अगर किसी तरह की आपत्ति थी, प्रसार भारती के लोगों को उसी समय विरोध दर्ज कराना चाहिए था। महोत्सव के प्रसारण में निजी फर्मो की सेवाएं पहली बार नहीं ली गई है। वर्ष 2012 से 2016 तक महोत्सव में निजी फर्मो की मदद ली जाती रही है। लेकिन 2017 में इसे और पारदर्शी बनाने पर जोर दिया गया था। इसके लिए एक संचालन समिति गठन किया गया था। उसके सुझाव के बाद एनएफडीसी (नेशनल फिल्म डेवेलपमेंट कारपोरेशन) ने प्रसार भारती से इस मामले को लेकर लंबी चर्चा की, जिस पर बाद में सहमति बन गई। गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय फिल्म महोत्सव 2017 का निजी फर्मो के कराए गए प्रसारण के लिए हाल ही में एनएफडीसी ने प्रसार भारती से करीब 2.92 करोड़ रुपए की मांग की थी, जिसे प्रसार भारती ने यह कहते हुए देने से मना कर दिया, कि उन्होंने इसकी अनुमति नहीं दी थी।