वामपंथी दलों का गढ़ माने जाने वाले त्रिपुरा के चुनावी नतीजों के सभी सीटों के रुझान अा गए हैं। 59 सीटों के रुझानों में लेफ्ट अौर भाजपा के बीच कड़ा मुकाबला दिख रहा है। लेफ्ट 27 सीटों पर आगे है, जबकि भाजपा गठबंधन भी 32 सीटों पर आगे चल रहा है। त्रिपुरा में यदि वोट प्रतिशत की बात करें तो अभी तक के रुझानों के अनुसार भाजपा को 49 फीसद अौर लेफ्ट को 47 फीसद वोट मिला है।
सीपीएम के सीएम माणिक सरकार धनपुर सीट से पीछे चल रहे हैं। बाधरघाट से भाजपा के दिलीप सरकार आगे चल रहे हैं। मोहनपुर सीट से भाजपा के ही मोहनलाल बाथ आगे हैं। अम्बासा सीट से सीपीएम के भरत रियांग आगे चल रहे हैं। अमरपुर सीट से भाजपा के रंजीत दास ने बढ़त बना रखी है।
60 विधानसभा सीटों वाले त्रिपुरा में 59 सीट पर वोटिंग हुई है। सीपीएम प्रत्याशी रामेंद्र नारायण के निधन के कारण चारीलाम विधानसभा सीट पर अब 12 मार्च को मतदान होगा। इस बार 23 महिलाओं सहित कुल 292 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं।
18 फरवरी को हुई वोटिंग में इस राज्य में 91 फीसद मतदान हुआ। वाममोर्चा के गढ़ त्रिपुरा में इस बार सत्तारूढ़ वाममोर्चा को भाजपा से कड़ी चुनौती मिल रही है। कांग्रेस ने भी सभी सीटों पर अपने उम्मीदवारों को चुनाव मैदान में उतारा है। चुनाव प्रचार में इस बार भाजपा ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है।
इससे पहले दो एक्जिट पोल के नतीजे बताते हैं कि त्रिपुरा में भाजपा सरकार बनने के पूरे आसार हैं। त्रिपुरा में पिछले 25 साल से वाम दलों की सरकार है, लेकिन इस बार राज्य में भाजपा आइपीएफटी के सहयोग से सरकार बना सकती है।
वाम गठबंधन सरकार के मुखिया माणिक सरकार को उम्मीद है कि जनता उन्हें पांचवीं बार राज्य की बागडोर सौंपेगी। अगर 1988 से 1993 तक कांग्रेस नेतृत्व वाली गठबंधन सरकार को छोड़ दें तो त्रिपुरा में 1978 से लेकर अब तक वाम मोर्चा की सरकार है। वर्तमान मुख्यमंत्री माणिक सरकार 1998 से सत्ता में हैं।