सलाखों के पीछे मनेगी कार्ति चिदंबरम की होली, 6 मार्च तक रिमांड पर भेजे गए

खबरें अभी तक। आईएनएक्स मीडिया मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम के बेटे कार्ति चिदंबरम को सीबीआई ने पटियाला हाउस कोर्ट में पेश किया. गुरुवार को पेशी के दौरान सीबीआई ने कोर्ट से कार्ति को 14 दिनों की रिमांड पर भेजने की मांग की, जबकि बहस के दौरान कार्ति के वकील ने सीबीआई को कुंभकर्ण करार दिया.

कोर्ट में जिरह के दौरान कार्ति के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कई जोरदार दलीलें पेश की. उन्होंने व्यंग्य लहजे में कहा कि कुंभकर्ण भी 6 महीने में एक बार जागता है, जबकि इस जांच एजेंसी ने 6 महीने पहले की गई पूछताछ के बाद एक दिन अचानक कार्ति को गिरफ्तार कर लिया.

कार्ति का मेडिकल चेकअप-

दूसरी ओर, रिमांड के लिए सीबीआई का तर्क था कि कार्ति और अन्य आरोपियों को आमने-सामने बैठाकर पूछताछ की जानी है इसलिए उनकी रिमांड बढ़ाई जाए. सीबीआई गुरुवार सुबह से ही कार्ति से पूछताछ कर रही थी. उनका मेडिकल चेकअप भी करवाया गया है.

सीबीआई ने सुनवाई के दौरान कार्ति और उनके सीए भास्करन को जमानत देने का विरोध किया. सीबीआई ने कहा कि सारे साक्ष्य उनके खिलाफ हैं, हमारे पास उनके लेन-देन के पुख्ता सबूत हैं. अगर जमानत दी गई तो केस प्रभावित होगा. तुषार मेहता ने कहा कि ये पॉलिटिकल वेंडेटा नहीं बल्कि अब तक की सीबीआई जांच का नतीजा है.

कोर्ट में कार्ति की मां नलिनी चिदंबरम और पिता पी. चिदंबरम भी मौजूद रहे. सुनवाई के दौरान कार्ति के सीए ने कहा कि अभी तक किसी पैसों की लेन-देन का पता नहीं चला है. संदेह में सिर्फ 10 लाख रुपये की राशि है. जो आरोप लगाए जा रहे हैं कि मैंने किसी समन का जवाब नहीं दिया है वह गलत है.

सुनवाई के दौरान सीबीआई का पक्ष रखते हुए तुषार मेहता ने कहा कि कार्ति ने उन्हें नहीं बताया कि उन्हें सीने में दर्द है, इसके बावजूद उनकी सुबह 7 बजे तक देखभाल में रखा गया. सुबह 8 बजे वह सीबीआई के पास पहुंचे, सीबीआई सिर्फ 10 बजे के बाद पूछताछ कर सकती थी. सीबीआई की मांग है कि अन्य आरोपियों के साथ कार्ति की पूछताछ की जानी है इसलिए उन्हें जमानत ना दी जाए.