सिपहिया,चेयरमैन के लिए चेहरा सामने लाए भाजपा

खबरें अभी तक। सत्ता परिवर्तन के बाद पहली बार मंगलवार को बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की बैठक हुई, जिसमें तबीयत खराब होने के चलते प्रबंध निदेशक बैठक में शरीक नहीं हो पाए। इससे पहले अध्यक्ष जगदीश सिपहिया ने धर्मशाला में बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की मीटिंग में कहा कि के.सी.सी. चेयरमैन पद के लिए न तो भाजपा के पास कोई उम्मीदवार है और न ही कोई चेहरा।

प्रदेश में सरकार बदलने के बाद भाजपा के कुछ लोग चेयरमैन बनने की दौड़ में लगे हुए हैं, परंतु भाजपा उस चेहरे को सामने लाने में नाकाम है। उन्होंने कहा कि भाजपा के 2 मंत्रियों ने कल बोर्ड के चेयरमैन के मर्तबा एक बैठक के.सी.सी. के डायरैक्टरों के साथ रखी थी, जिसमें उन मंत्रियों द्वारा यह संदेशा भेजा गया है कि आपको नैतिकता के आधार पर के.सी.सी. बैंक के चेयरमैन पद से इस्तीफ ा दे देना चाहिए।

इस बात पर उन्होंने कहा कि समय से पूर्व वे इस्तीफ ा नहीं देंगे। उन्होंने कहा कि सरकार बहुमत साबित करे और अध्यक्ष पद पर किसी को भी विराजमान कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी में हिम्मत है तो उनके बोर्ड को भंग करके दिखाए। उन्होंने यह तक कह दिया है कि सरकार उनको व उनके परिवार को डरा रही है, लेकिन वह डरने वालों में से नहीं हैं।

जगदीश सिपहिया ने कहा कि इक्का-दुक्का को छोड़ कर बैंक का पूरा बोर्ड एकजुट है। उन्होंने कहा कि भाजपा किस मुंह से नैतिकता की बात कर रही है, पहले भाजपा के लोग खुद नैतिकता तो सीखें। उन्होंने कहा कि अगर उन्हें लगा भाजपा के पास कोई अच्छा चेहरा है और जो बैंक को आगे ले जाएगा तो वह उसे अपना समर्थन देने के लिए तैयार हैं।

उन्होंने कहा कि सोमवार को बैंक बोर्ड की बैठक का भी आयोजन किया गया, जिसमें एक निदेशक और बैंक के एम.डी. को छोड़ कर सभी ने भाग लिया। जगदीश सिपहिया ने यह भी आरोप लगाया कि पिछले 2 बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की बैठक में एम.डी. मौजूद नहीं रहे।

राजीव भारद्वाज, रंजीत राणा व रमेश भारद्वाज को बोर्ड द्वारा सम्मानित किया गया

बैठक में बोर्ड ने कई मुद्दों पर चर्चा की तथा बैंक के हित में फैसले लिए और उन्हें मंजूरी दी। सोमवार को हुई बैंक बोर्ड की बैठक में प्रदेश भाजपा सरकार द्वारा मनोनीत किए गए 3 सदस्यों ने भी भाग लिया। 3 सदस्य राजीव भारद्वाज, रंजीत राणा व रमेश भारद्वाज को बोर्ड द्वारा सम्मानित भी किया गया।

पहली बैठक 15 निदेशकों के एकजुट होने के बाद बैठक में गहमागहमी रही, लेकिन मौजूदा अध्यक्ष के खिलाफ कभी भी अविश्वास प्रस्ताव लाया जा सकता है। सूत्रों की मानें तो रविवार को हुई डिनर डिप्लोमेसी में यह भी तय हो गया था कि यदि चेयरमैन खुद पद नहीं छोड़ते हैं तो उनके खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाया जाना था, लेकिन एम.डी. की अनुपस्थिति के चलते सोमवार को ऐसा नहीं हो सका।

नियमों के मुताबिक अध्यक्ष के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव के लिए 3 डायरैक्टरों का लिखित में पत्र आने के बाद बैंक का एम.डी. आगे की कार्रवाई करेगा।

7 लाख रुपए के दुरुपयोग का आरोप
जगदीश सिपहिया ने बैंक के एम.डी. पर लगभग 7 लाख रुपए के दुरुपयोग करने का आरोप लगाया। पत्रकार वार्ता के दौरान बैंक के अध्यक्ष ने कुछ बिल सार्वजनिक करते हुए कहा कि बिना बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की परमिशन लिए बैंक के चेयरमैन ने 7 लाख रुपए बिना जरूरत की चीजों पर खर्च कर दिए, जिसके चलते बोर्ड ऑफ डायरैक्टर की मीटिंग में उनके ऊपर लीगल कार्रवाई करने की बात भी रखी है।

उन्होंने एम.डी. पर एन.पी.ए. पर ध्यान न देने के आरोप लगाए। उन्होंने बताया कि 7 लाख रुपए के दुरुपयोग मामले में कानूनी सलाह ली जाएगी। इसके अतिरिक्त एम.डी. की शक्तियां छीनने की बात अध्यक्ष ने कही।