खबरें अभी तक। करीब 11,400 करोड़ रुपये के PNB घोटाले के आरोपी नीरव मोदी और मेहुल चोकसी शायद पिछले साल नवंबर में ही भागने की योजना बना चुके थे. असल में मुंबई में PNB के जिस ब्रैडी हाउस ब्रांच के माध्यम से इस घोटाले को अंजाम दिया जा रहा था, वहां मामा-भांजे से मिले हुए अधिकारियों की जगह नए अधिकारी आ गए थे. नए अधिकारियों ने नीरव-मेहुल की कंपनियों को दिए जा रहे LoU पर सवाल खड़े करने शुरू कर दिए थे. तभी मामा-भांजे को लग गया कि अब देश छोड़ने के अलावा कोई रास्ता नहीं है.
इंडियन एक्सप्रेस की एक खबर में यह दावा किया गया है. जांच से जुड़े एक वरिष्ठ अधिकारी ने अखबार को बताया, ‘नवंबर महीने में जब पीएनबी के ब्रैडी हाउस ब्रांच में कुछ बदलाव हुए तो नए कर्मचारियों ने फर्जी लेनदेन करने से इंकार कर दिया. तभी आरोपियों ने देश छोड़ने का मन बना लिया. कंपनी के दो वरिष्ठ कर्मचारी जिनके कहने से एलओयू जारी हो रहे थे, वे नवंबर में भी भाग चुके हैं और संभवत: दुबई में हैं. पीएनबी के डिप्टी मैनेजर गोकुलनाथ शेट्टी के 1 जनवरी को रिटायर होने के बाद उसी हफ्ते मोदी और चोकसी भी अपने परिवार के साथ भाग गए.’
अमेरिका गया नीरव!
सीबीआई ने कम से कम पांच अन्य बैंकों एक्सिस बैंक, इलाहाबाद बैंक , भारतीय स्टेट बैंक, यूको बैंक और यूनियन बैंक ऑफ इंडिया से कहा है कि वे यह जानकारी साझा करें कि उनकी इंटरनेशनल डिवीजन से मोदी और चोकसी समूह की कंपनियों को कितना कर्ज दिया गया.