महाराष्ट्र को मिले 12 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव, रोजगार के नए अवसर पैदा होने की उम्मीद

मैग्नेटिक महाराष्ट्र कन्वर्जेन्स 2018 के दौरान महाराष्ट्र को 12.10 लाख करोड़ के 4,106 निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इन प्रस्तावों के अमल में आने पर रोजगार के 36.77 लाख नए अवसर पैदा होने की उम्मीद है। तीन दिन चले निवेशक सम्मेलन ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ के अंतिम दिन पत्रकारों से बात करते हुए मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़नवीस ने यह जानकारी दी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि उक्त प्रस्तावों के अतिरिक्त सरकारी परियोजनाओं के लिए राज्य सरकार ने केंद्र के साथ भी 104 प्रस्तावों पर हस्ताक्षर किया है। इन्फ्रास्ट्रक्चर से जुड़ी विभिन्न परियोजनाओं के लिए हुए 3.90 लाख करोड़ के इन प्रस्तावों के अमल में आने से 2.06 लाख लोगों को रोजगार मिलने की उम्मीद है। मुख्यमंत्री के अनुसार सरकारी परियोजनाओं के प्रस्तावो में से एक मराठवाड़ा क्षेत्र के लातूर जनपद में रेल कोच फैक्ट्री का प्रस्ताव भी शामिल है। 2,000 एकड़ भूखंड पर लगने वाली इस फैक्ट्री में मेट्रो रेल के कोच तैयार किए जाएंगे। संवाददाता सम्मेलन में मौजूद रेलमंत्री पीयूष गोयल ने बताया कि अभी इस परियोजना के सिर्फ प्रथम चरण के एमओयू पर हस्ताक्षर हुए हैं।

फड़नवीस के अनुसार मैग्नेटिक महाराष्ट्र सम्मेलन के दौरान सूबे के सभी क्षेत्रों के लिए हर प्रकार के उद्योगों के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। इनमें राज्य के वे पिछड़े क्षेत्र भी शामिल हैं, जिनके लिए राज्य सरकार विशेष प्रयासरत थी।

उद्यमी महिलाओं की तादाद बढ़ाने के लिए समाज में बड़े बदलाव की जरूरत है। इसके लिए लैंगिक समानता और शिक्षा पर विशेष ध्यान देना होगा। ‘मैग्नेटिक महाराष्ट्र’ सम्मेलन में उद्योग जगत से जुड़े विशेषज्ञों ने यह बात कही।

 महिला उद्यमियों पर केंद्रित सत्र को संबोधित करते हुए मल्टीपल्स अल्टरनेट एसेट मैनेजमेंट की संस्थापक रेणुका रामनाथ ने कहा, ‘महिलाएं आसानी से घर और ऑफिस के बीच संतुलन बना सकें, इसके लिए कार्यालयों में अनुकूल माहौल और सपोर्ट सिस्टम की जरूरत है। सरकार को भी महिलाओं को शिक्षित करने और उन्हें उद्यमिता के लिए प्रोत्साहित करने की दिशा में ज्यादा खर्च करना चाहिए।’ कनाडा के हाउस ऑफ कॉमंस की नेता बार्डिश चेगर ने भी उनके सुर में सुर मिलाते हुए कहा कि महिलाओं को कंपनियों के बोर्ड में जगह मिलनी चाहिए। इसरो की वैज्ञानिक मीनल रोहित ने कहा कि विज्ञान के क्षेत्र में महिलाओं की सहभागिता बढ़ाने की जरूरत है।