अटेंडेंट के खाने पर लगेगा GST, पेशेंट को मिलेगा टैक्स फ्री खाना

खबरें अभी तक। सरकार की ओर से स्पष्ट किया गया है है कि किसी भी अस्पताल में भर्ती मरीजों को अस्पताल की तरफ से दिए जाने वाले भोजन के दाम पर जीएसटी नहीं लगाया जाएगा। लेकिन जो भर्ती नहीं हैं, उन्हें ऐसी छूट नहीं मिलेगी। राजस्व विभाग ने यह भी कहा कि अगर कोई हॉस्पिटल बाहर से वरिष्ठ डॉक्टरों, सलाहकारों या टेक्नीशियन को बुलाता है, तो उनकी सेवाओं पर मरीज से जीएसटी नहीं लिया जाएगा।

हालांकि अस्पताल में भर्ती नहीं किये गये लोगों के खाने पर जीएसटी लगाया जाएगा। राजस्व विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि जिन मरीजों को भर्ती किया हुआ है उनकों दिये जाने वाले खाने पर अलग से जीएसटी नहीं लगाया जाएगा क्योंकि वे हेल्थकेयर सेवाओं की मिश्रित आपूर्ति का ही हिस्सा है, जो कि जीएसटी के दायरे से बाहर है।

 जीएसटी कानून के मुताबिक स्वास्थ्य सेवाओं की परिभाषा में बीमारी, चोट, असामान्यता या गर्भावास्था आदि के दौरान देखभाल, उपचार और निदान आते हैं।जीएसटी की दरों को तर्कसंगत बनाने के बाद सरकार अब रिटर्न दाखिल करने की प्रक्रिया को सरल बनाकर कारोबारियों को राहत देने की तैयारी कर रही है। प्रस्तावित व्यवस्था में कारोबारियों को हर माह तीन रिटर्न दाखिल करने की जरूरत नहीं होगी। वे महज एक आसान रिटर्न दाखिल कर सकेंगे। जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक में इस आशय के प्रस्ताव पर मुहर लग सकती है।

सूत्रों के मुताबिक जीएसटी नेटवर्क के चेयरमेन अजय भूषण पांडेय की अध्यक्षता में जो समिति रिटर्न आसान बनाने पर विचार कर रही है, वह इस सप्ताह तक अपनी रिपोर्ट को अंतिम रूप दे सकती है। समिति यह रिपोर्ट जीएसटी काउंसिल के मंत्रिसमूह को सौंपेगी जिसके अध्यक्ष बिहार के उप मुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी हैं। इसके बाद काउंसिल इस महीने के अंतिम सप्ताह में होने वाली बैठक में रिटर्न की प्रक्रिया आसान बनाने के प्रस्ताव पर मुहर लगा सकती है। सूत्रों ने कहा कि रिटर्न की प्रक्रिया के सरलीकरण के लिए जीएसटी कानूनों में भी बदलाव की आवश्यकता पड़ सकती है।