पेंटागन ने दी रिपोर्ट, चीन को बताया अमेरिका और भारत के लिए खतरा

खबरें अभी तक। वन बेल्ट,वन रोड के जरिए चीन अपनी पहुंच पूरब से लेकर पश्चिम तक बढ़ाना चाहता है। दक्षिण चीन सागर में चीन की विस्तारवादी नीति किसी से छिपी नहीं है। इसके साथ ही चीन भारत के पड़ोसी देशों में अपनी दखल को बढ़ाकर दबाव बनाने की कोशिश में है। इन सबके बीच अमेरिका रक्षा मंत्रालय के हेडक्वॉर्टर पेंटागन ने जो रिपोर्ट जारी की है वो परेशानी बढ़ाने के लिए पर्याप्त है। पेंटागन का स्पष्ट मानना है कि विस्तारवादी नीति को आगे बढ़ाने के लिए चीन अनैतिक तरीके से आगे बढ़ रहा है। भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन एक अलग तरह की व्यवस्था का निर्माण कर रहा है जिसपर गंभीरता से सोचने की जरूरत है। चीन और रूस को लेकर पेंटागन की सोच को जानने और समझने के साथ ही भारत के लिए इसके मायने हैं समझने की कोशिश करेंगे। 

पेंटागन रिपोर्ट और चीन-

पेंटागन का कहना है कि चीन अब रणनीतिक प्रतिस्पर्धी बन चुका है जो अपने शिकारी अर्थशास्त्र के जरिए पड़ोसियों को धमका कर अपने सीमा को विस्तार देने की कोशिश कर रहा है। चीन और रूस ने अमेरिका के तकनीकी लाभों को कम कर दिया है। भारत-प्रशांत क्षेत्र में चीन लगातार बलपूर्वक अपने पड़ोसी देशों को धमका रहा है। एक अक्टूबर को शूरू होने वाले वित्तीय वर्ष 2019 के बजट प्रस्तावों से पहले पेंटागन ने अमेरिकी कांग्रेस को जानकारी दी। ट्रंप प्रशासन ने वित्तीय वर्ष 2019 के लिए बजट प्रस्तावों को रिलीज किया। वित्तीय वर्ष, कैलेंडर ईयर से अलग होता है। अमेरिका में वित्तीय वर्ष की शुरुआत अक्टूबर से लेकर सितंबर तक होती है।  पेंटागन का कहना है कि चीन अपने आर्थिक सैन्य तैयारियों के जरिए अपनी शक्ति को विस्तार देने में जुटा हुआ है। चीन एक तरफ भारत-प्रशांत महासागर क्षेत्र में सैन्य आधुनिकीकरण के जरिए क्षेत्रीय स्तर पर दादागीरी पर उतर चुका है। वैश्विक स्तर पर अमेरिका के प्रभाव को किसी भी तरीके से बढ़ने से रोकना ही चीन का एकमात्र लक्ष्य है।