30 साल बाद महाशिवरात्रि पर बन रहा शुभ संयोग,कैसे करें शिव आराधना, जानिए पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

ख़बरें अभी तक: महाशिवरात्रि का हिंदू धर्म में का खास महत्व है। देवों के देव महादेव की भक्ति करने का ये त्योहार हर वर्ष फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है. शास्त्रों के अनुसार इस दिन भगवान शिव और पार्वती का विवाह हुआ था. ऐसी मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव की विधिवत पूचा-अर्चना और जलाभिषेक करने से भक्तों के सभी दुख दूर होते हैं और जीवन में खुशहाली आती है. जो भी इस दिन शिव-पार्वती के लिए व्रत रखता है उसके घर -परिवार में हमेशा सुख-शांति और समृद्धि के का वास रहता है. हम आपको बताते हैं इस बार महाशिवरात्रि कब है…

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महाशिवरात्रि 18 या 19 फरवरी कब मनाएं

हर साल महाशिवरात्रि का महापर्व फाल्गुन माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाई जाती है। महाशिवरात्रि पर महादेव की पूजा चार प्रहर में करने का विशेष महत्व होता है और इसमे से भी रात्रि का 8वां मुहूर्त का विशेष महत्व होता है। इस बार चतुर्दशी तिथि 19 फरवरी की शाम को समाप्त हो जाएगी। इस कारण से महाशिवरात्रि का त्योहार 18 फरवरी को मनाई जाएगी।

शुभ ​मुहूर्त

प्रथम पहर पूजा
18 फरवरी: शनिवार शाम 06:41 बजे से रात 09:47 बजे तक

द्वितीय पहर पूजा
18 फरवरी: शनिवार रात 09:47 बजे से रात 12:53 बजे तक

तृतीय पहर पूजा
19 फरवरी: रविवार रात 12:53 बजे से 03:58 बजे तक

चतुर्थ पहर पूजा
19 फरवरी: रविवार सुबह 03:58 बजे से सुबह 07:06AM

व्रत पारण
19 फरवरी, रविवार सुबह 06:11 बजे से दोपहर 02:41 बजे तक

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महाशिवरात्रि पर बन रहा 30 साल बाद  शुभ संयोग
इस बार महाशिवरात्रि पर बहुत ही शुभ और फलदायक सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हो रहा है. मान्यता है कि इस शुभ योग में धार्मिक कार्य करने से कई गुना अधिक फल मिलता है. ज्योतिष के मुताबिक  30 साल बाद महाशिवरात्रि पर ये शुभ संयोग बन रहा है. ये  बड़ा ही दुर्लभ संयोग माना जा रहा है.. इस साल महाशिवरात्रि पर न्याय के देवता यानि शनि कुंभ राशि में विराजमान रहेंगे. 

महाशिवरात्रि पूजा विधि 2023

  • महाशिवरात्रि पर शिवभक्त सुबह स्नानादि करके शिवमंदिर जाएं।
  • पूजा में चन्दन, मोली ,पान, सुपारी,अक्षत, पंचामृत,बिल्वपत्र,धतूरा,फल-फूल,नारियल इत्यादि शिवजी को अर्पित करें। 
  • भगवान शिव को अत्यंत प्रिय बेल को धोकर चिकने भाग की ओर से चंदन लगाकर चढ़ाएं।
  •  ‘ॐ नमः शिवाय’ मन्त्र का उच्चारण जितनी बार हो सके करें। 
  • रात्रि के चारों प्रहरों में भगवान शंकर की पूजा अर्चना करनी चाहिए।
  • अभिषेक के जल में पहले प्रहर में दूध, दूसरे में दही ,तीसरे में घी और चौथे में शहद को शामिल करना चाहिए।
  • दिन में केवल फलाहार करें, रात्रि में उपवास करें।

कुवांरी लड़कियां भी रखती हैं व्रत
मनचाहे जीवनसाथी के लिए कुंवारी लड़कियां भी इस व्रत को रखती हैं. ऐसा कहा जाता है कि महाशिवरात्रि की पूजा करने से लड़कियों को मनचाहा पति मिलता है. इस व्रत को सुहागिन महिलाएं करती हैं, उन्हें अखंड सौभाग्य का आशीष मिलता है. इस दिन कुछ लोगनिर्जला व्रत रखते हैं तो वहीं कुछ लोग फल खाकर शिवरात्रि का उपवास करते हैं.