मुगलों को इस युद्ध में खानी पड़ी थी मुंह की, फिर 2 महीने तक लुटती रही दिल्ली

ख़बरें अभी तक: मुगलों ने दिल्ली की गद्दी पर कई सौ वर्षों तक शासन किया. भारत में कई राजाओं के साथ उन्होंने युद्ध किया कई रिसयते पर कब्जा किया। लेकिन मुगलों को भी सन् 1739 के एक युद्ध में मुंह की खानी पड़ी थी. इसका नतीजा ये हुआ था कि आक्रमणकारियों की सेना ने सीधे दिल्ली में घुस कर भयंकर लूटमार की थी. ये बर्बर सेना ने दिल्ली में नरसंहार भी किया था. बड़ी संख्या में लोगों को मौत के घाट उतार दिया था. महिलाओं के साथ भी  जोर-जबरदस्ती की घटनाएं समने आई थी। इतना ही नहीं, युद्ध में मुगलों की हार के बाद तख्त-ए-ताऊस यानी मयूर सिंहासन भी मुगलों से छीन लिया गया था. इसके अलावा कोहिनूर (Kohinoor) हीरा भी मुगलों से हमलावरों के राजा ने लूट लिया था. इस जंग में मुगलों के बादशाह मुहम्मद शाह को मुंह की खानी पड़ी थी. आइए इस युद्ध के बारे में जानते हैं…

जब जंग में मुगलों की हुई हार

बता दें कि सन् 1739 में मुगल बादशाह मुहम्मद शाह को करनाल के युद्ध (Battle Of Karnal) में ईरान के बादशाह नादिर शाह (Nadir Shah) के हाथों हार का सामना करना पड़ा था. इसके बाद, नादिर शाह की सेना दिल्ली में दाखिल हो गई थी और चाहकर भी मुगल बादशाह मुहम्मद शाह कुछ नहीं कर पाया था.

2 महीने तक लुटती रही दिल्ली

जान लें कि मुगल बादशाह मुहम्मद शाह की हार के बाद करीब 2 महीने तक दिल्ली में नादिर शाह की सेना उत्पात मचाती रही. लोगों को मारती-पीटती रही, लूटती रही, लेकिन मुगल उसको नहीं रोक पाए. नादिर शाह ने जब मुगल सल्तनत के हिस्से पेशावर जो आज पाकिस्तान में स्थित है, वहां हमला किया तो जानकारी मिलने पर मुगल बादशाह मुहम्मद शाह ने इस बात हंसी में उड़ा दिया था.

नादिर शाह के सामने मुगल सेना हार गई

इसके बाद नादिर शाह की सेना पंजाब पार करके जब आज के हरियाणा के शहर करनाल तक आ पहुंची, तब मुगल सेना ने उसको चुनौती दी. लेकिन नादिर शाह के सामने मुगल सेना हार गई. 24 फरवरी 1739 को मुगल सेना की बुरी तरह हार हो गई थी।