मुलायम सिंह को पद्म विभूषण देने से हिंदू संगठन में गुस्सा !शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने केंद्र सरकार पर बोला हमला

बीजेपी सरकार ने हल में विभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट काम करने वाले लोगों को पद्म पुरस्कार से नवाजा है। उत्तर प्रदेश के तीन बार मुख्यमंत्री और केंद्र सरकार में रक्षा मंत्री के रूप में सेवा दी.समाजवादी पार्टी के मुखिया दिवंगत मुलायम सिंह यादव  समेत कई लोगों को मरणोपरांत यह सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया गया है। हालांकि, अब मुलायम सिंह को दिए गए इस सम्मान पर उद्धव ठाकरे गुट के मुखपत्र सामना में सवाल उठाए गए हैं। सामना ने लिखा है कि मुलायम सिंह यादव का सम्मान करने वाली मोदी सरकार दो हिंदू हृदय सम्राटों वीर सावरकर और बालासाहेब ठाकरे को भूल गई लेकिन लोगों को इस घटना को याद रखना चाहिए। सामना ने लिखा है कि स्वर्गीय मुलायम सिंह यादव को भी पद्म विभूषण पुरस्कार दिया गया है, इसे आश्चर्यजनक ही कहा जाएगा। जीवित रहते कारसेवकों के हत्यारे के तौर पर उनकी अवहेलना करने वाली बीजेपी सरकार को मुलायम को मरणोपरांत सर्वोच्च नागरिक सम्मान देने की जरूरत पड़ी, यह महत्वपूर्ण है। सामना ने लिखा है कि अयोध्या में अब राम मंदिर बन रहा है और उसी राम मंदिर के नाम पर हर चुनाव में वोट मांगे गए। हालांकि, 1990 में हुए अयोध्या आंदोलन के दौरान उस वक्त उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री रहे मुलायम सिंह यादव ने कारसेवकों पर अंधाधुंध फायरिंग करवाई थी। जिसमें सैकड़ों साधु-संत और कारसेवक मारे गए थे। कई लाशों को सरयू नदी में फेंक दिया गया था। तब कारसेवकों के खून से सरयू नदी लाल हो गई थी.

हजारो परिवारों ने अपने सदस्यों को खोया था इस हत्याकांड के बाद बीजेपी और संघ परिवार ने मुलायम सिंह को ‘मौलाना मुलायम‘ कहना शुरू कर दिया था। उसके बाद मुलायम सिंह ने यह भी कहा कि ‘बाबरी मस्जिद को बचाने के लिए अगर और हिंदुओं को गोली मारनी पड़ती तो भी वो आगे पीछे नहीं देखते। मुलायम के इस बयान के बाद बीजेपी और हिंदू संगठन ने मुलायम सिंह पर हिंदुओं की गैर इरादतन हत्या का अपराध दर्ज करने की मांग की। अब उसी मुलायम को प्रखर हिंदुत्ववादी आदि कहलाने वाली मोदी सरकार ने पद्म विभूषण दूसरे क्रमांक का सर्वोच्च नागरिक सम्मान दिया है।

अखिल भारत हिंदू महासभा के राष्ट्रीय प्रवक्ता शिशिर चतुर्वेदी ने कहा,

“समाजवादी पार्टी के नेता और पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव ने जिस प्रकार से आजीवन हिंदुओं के विरोध में काम किया और मदरसों के साथ-साथ मौलानाओं की रखवाली की. उनके लिए रोजा इफ्तार करवाया, उर्दू को द्वितीय भाषा का दर्जा दिया और अब ऐसे व्यक्ति को पद्म विभूषण सम्मान मिला है, जोकि उचित नहीं है.”

शिशिर चतुर्वेदी ने आगो कहा कि ‘मुलायम सिंह यादव ने आतंकवादी की रिहाई के आदेश दिए थे. हज हाउस बनवाए. मुलायम सिंह यादव ने निर्दोष राम भक्तों पर गोलियां चलवाई, जिसके बाद उनके परिवारों को लाशें तक नहीं मिल पाईं. ऐसे में केंद्र सरकार द्वारा मुलायम सिंह यादव को पद्म विभूषण देना गलत है और इसका विरोध अखिल भारत हिन्दू महासभा करती है.’

मोदी सरकार के इस फैसले के बाद काई हिंदू संगठन अपनी नरजगी दिखा रहें है उनका कहना है कि जिस व्यक्ति ने सैकड़ों साधु-संत और कारसेवक पर गोली चलाई उसे सम्मान देना गलत है