राष्ट्रपति ने कहा- दिव्यांगों का सहारा उनकी प्रतिभा अौर उनका जोश

खबरें अभी तक। देश में एक भी दिव्यांग न बचे, यह हमारा लक्ष्य है। भारत सरकार का यह सपना भी है। सरकार और गैर सरकारी लोग इस दिशा में लगातार काम कर रहे हैं। इस दिव्यांगजन और वृद्धजन सहायतार्थ शिविर में जो उपकरण दिए जा रहे हैं, उन्हें दिव्यांगजन साधन मात्र समझें, सहारा नहीं। उनका सहारा उनकी प्रतिभा और उनका जोश है जो हमेशा उनके पास है। कमजोरी को जिंदगी पर हावी न होने दें और छिपी ताकत को जगाएं। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने दिव्यांगजन एवं वृद्घजन सहायतार्थ शिविर में रविवार को यह बात बतौर मुख्य अतिथि कही।

कोविंद ने कहा कि आजकल तेज रफ्तार का जमाना है और ऐसे में उन परिवारों को अपने सदस्यों को ज्यादा समय देना पड़ता है जिनके सदस्य दिव्यांग हैं। उनकी पी़ड़ा वही समझ सकते हैं। मुझे खुशी है कि हरियाणा रेडक्रॉस सोसाइटी के सहयोग से यह गतिविधियां चलाई जा रही हैं। दिव्यांगों को सरकारी नौकरी मिलने से काफी मदद मिल जाती है इसलिए सरकार ने नौकरियों में दिव्यांगों के लिए आरक्षण कोटा तीन प्रतिशत से बढ़ाकर चार प्रतिशत कर दिया है। बहुत सारे ऐसे दिव्यांगजन भी हैं जो नौकरी देते भी हैं।

समारोह की शुआत में केंद्रीय सामाजिक न्याय अधिकारिता मंत्री थावरचंद गहलोत ने कहा कि अभी तक देश में 6250 से अधिक दिव्यांगजन के लिए शिविर आयोजित किए जा चुके हैं, जिसमें 600 करो़ड़ की लागत के उपकरण बंट चुके हैं।