अपने अंधेपन को नहीं बनने दिया कमजोरी, सोशल मीडिया पर हो रहे है काफी वायरल, जानिए कैसे…

शरीर में चाहे कमी कुछ भी हो लेकिन अगर हौसले बुलंद है तो मंजिल दूर नहीं है, ऐसा ही करके दिखाया है करनाल के काछवा के युवक सतनाम ने। जा अब अपने रैप सोंग के लिए प्रसिद्ध हो चुका है। युवक बचपन से ही अंधा है लेकिन अपने अंधेपन को कभी इसने अपनी कमजोरी नहीं बनने दिया। पिता की मृत्यु के बाद भी सतनाम मजबूती के साथ आगे बढ़ा और आज इसके रैप सोशल मीडिया पर भी वायरल हो रहे है।

शारीरिक कमजोरी और सिर से पिता का साया उठने के बाद भी सतनाम आगे बढ़ा। राह आसान नहीं थी फिर भी वह अपने हौंसलों के पंख फैलाकर उठने के लिए आगे बढ़ रहा है। कैसे वह यहां तक पहुंचा और कैसे गाने सतनाम गाता है आए जानते है उन्हीं की जुबानी। सतनाम ने बताया कि 1999 में उसका जन्म हुआ था लेकिन 2009 में उसे अचानक दिखना बंद हो गया। वह रात को सोया था और वह जब सुबह उठा तो उसे कुछ दिखाई ही नहीं दे रहा था।

घरवालों ने अस्पतालों के धक्के खाए लेकिन इलाज नहीं हो सका। 2011 में उसके पिता भी चल बसे। उसके बाद उनकी माता उसके साथ खड़ी हुई और PGI तक उसका इलाज करवाया। दो-तीन महीने तक उनको PGI में भी रहना पड़ा। लेकिन फिर भी इलाज नहीं हुआ।

2011 में जब उनके पिता की मौत हुई तो पूरे परिवार को सदमा लगा था। वह इस सदमे से उभरा और खुद को आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया और उसने ब्लाइंड स्कूल में पढ़ाई की। वहां उसका लिखने और गाने का शौक था। 2014 में उसने गाने लिखने शुरू कर दिए थे। फिर धीरे धीरे उसने लिखना और गाना शुरू किया उसने बताया कि मैंने अपने अंधेपन को कभी कमजोरी नहीं बनने दिया। बड़े-बड़े गायकों को वह अपना आइडल मनाते है और वह भी रैपर बनना चाहते है। वह राजाकुमारी USA के रैपर से मिलना चाहते है।

मां सुलेन्द्र कौर कहना है कि जब सतनाम छोटा था उसी समय से दिखाई देना बंद हो गया था। जिसके बाद घरवालों की चिंता बढ़ गई थी। सतनाम के पिता की मृत्यु हो गई थी। उसके बाद उसने बहुत ही मुश्किल से अपने बेटे को पाला। सतनाम ठीक हो सके, इसके लिए उसने दर दर की ठोकरें भी खाई लेकिन कोई समाधान नहीं हो पाया। अब जब सतनाम ने रैप गाना और लिखना शुरू किया है उसके बाद से एक उम्मीद जगी है। उनका बेटा जो भी बनना चाहता है वे उसे बनाएगी।