ख़बरें अभी तक || मोदी सरकार की नीतियों की हमेशा खुल के तारीफ करने वाले बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर के सुर कुछ बदले बदले नजर आ रहे हैं। जी हां, अभिनेता अनुपम खेर ने कोरोना की दूसरी लहर से मची तबाही के लिए सीधे सीधे मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है।कोरोना महामारी की दूसरी वेव भारत में तबाही मचा रही है। सरकारी बंदोबस्त बुरी तरह धवस्त हो चुका है। अचानक आई कोरोना की दूसरी लहर के सामने हेल्थ सिस्टम पूरी तरह है फेल हो गया। जिसका सीधा असर अस्पताओं में ऑक्सीजन की किल्लत हो, बेड की कमी या फिर रेमडिसिविर जैसे कोविड दवाइयों की कालाबाजारी हो, हर तरह की व्यवस्था को लेकर केंद्र की मोदी सरकार को आचोलनाओं का सामना करना पड़ रहा है। यहां तक कि, कोर्ट भी ऑक्सीजन की कमी पर सरकार को कई बार फटकार लगा चुका है।
वहीं कोरोना कहर के बीच मोदी सरकार की नीतियों की अक्सर तारीफ करने वाले बॉलीवुड अभिनेता अनुपम खेर ने भी बुधवार को कहा कि कोविड की दूसरी लहर के मद्देनजर देश में जो कुछ हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है और कहा कि अधिकारियों की सार्वजनिक आलोचना ‘कई मामलों में वैध’ है।
मोदी सरकार के अक्सर करीबी माने जाने वाले दिग्गज अभिनेता ने कहा कि सरकार के लिए समय यह समझने का है कि छवि बनाने से ज्यादा जरूरी जीवन बचाना है। बता दें कि देश में चारों तरफ ऑक्सीजन से लेकर बेड के लिए हाहाकार मचा है। हर दिन कोरोना से करीब चार हजार मौतें हो रही हैं और रोजाना करीब चार लाख केस मिल रहे हैं।
मीडिया को दिए एक इंटरव्यू में, एफटीआईआई के पूर्व चेयरपर्सन ने कहा कि सरकार से स्वास्थ्य संकट के प्रबंधन में कहीं न कहीं चूक हुई है लेकिन दूसरे राजनीतिक दलों का इन खामियों का अपने हक में फायदा उठाना भी गलत है। यह पूछे जाने पर कि सरकार के प्रयास अभी राहत देने की बजाय अपनी खुद की छवि एवं समझ को बनाने पर अधिक है, राष्ट्रीय पुरस्कार विजेता अभिनेता अनुपम खेर ने कहा कि सरकार के लिए आवश्यक है कि इस चुनौती का सामना करें और उन लोगों के लिए कुछ करें जिन्होंने उन्हें चुना है।
वहीं अभिनेता अनुपम खेर ने पिछले दिनों बिहार और यूपी के नदियों में बहते मिले शवों का जिक्र करते हुए कहा, ‘कई मामलों में आलोचना जरूरी है। कोई अमानवीय व्यक्ति ही नदियों में बहती लाशों से प्रभावित नहीं होगा।’ उन्होंने कहा, ‘लेकिन दूसरी पार्टियों का इसका अपने लाभ के लिए इस्तेमाल करना, मेरे विचार में ठीक नहीं है। मेरे हिसाब से, लोगों के तौर पर हमें गुस्सा आना लाज़मी है। जो हो रहा है उसके लिए सरकार को जिम्मेदार ठहराना जरूरी है। कहीं न कहीं उनसे चूक हुई है। उनके लिए समझने का वक्त है कि छवि निर्माण से जरूरी और भी बहुत कुछ है।’