Man Ki Baat: प्रधानमंत्री मोदी ने 75 वीं बार जनता को किया संबोधित, पढ़िए पीएम की बड़ी बातें?

ख़बरें अभी तक || प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को 75वीं बार रेडियो कार्यक्रम ‘मन की बात’ को संबोधित किया। पीएम मोदी 32 मिनट के इस कार्यक्रम में वह बंगाल, असम, तमिलनाडु और केरल का जिक्र करना नहीं भूले। इन राज्यों की खूबियों और यहां के लोगों की पीएम ने तारीफ की। इन चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव चल रहे हैं। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी के मन में किसान और कृषि भी रहा । पीएम मोदी ने अपने संबोधन की शुरुआत जनता की ओर से भेजी गई चिट्ठियों पर चर्चा से की।

इन चिट्ठियों का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा, “मैं आपका बहुत-बहुत धन्यवाद करता हूं कि आपने इतनी बारीक नजर से मन की बात को सुना है और आप जुड़े रहे हैं। ये मेरे लिए बहुत ही गर्व का विषय है, आनंद का विषय है। मैं आज इस 75वें एपिसोड के समय सबसे पहले मन की बात को सफल बनाने के लिए, समृद्ध बनाने के लिए और इससे जुड़े रहने के लिए हर श्रोता का बहुत-बहुत आभार व्यक्त करता हूं।”

केरल के सेंट टेरेसा कॉलेज को याद किया

प्रधानमंत्री ने केरल के कोच्चि के सेंट टेरेसा कॉलेज को याद किया। बताया कि इस कॉलेज में कचरे से कंचन बनाने का काम किया जा रहा है। मोदी ने कहा, ‘मैं 2017 में इस कॉलेज के कैंपस में एक बुक रीडिंग पर आधारिक कार्यक्रम में शामिल हुआ था। तब मैंने देखा था कि इस कॉलेज के स्टूडेंट वेस्ट मटेरियल से ‘रीयूजबल टॉय’ बना रहे हैं। इसमें पुराने कपड़े, फेंके गए लकड़ी के टुकड़ों, बैग और बॉक्स का यूज करते हैं।’

असम के कार्बी भाषा का डॉक्यूमेंटेशन हो रहा

मन की बात में मोदी ने असम के कार्बी आंगलोंग जिले का जिक्र किया। बताया कि कार्बी जिले के सिकारी टिस्सौ जी पिछले 20 साल से करबी भाषा का डॉक्यूमेंटेशन कर रहे हैं। कार्बी आदिवासी भाई बहनों की मुख्य भाषा आज मुख्यधारा से गायब हो रही है। टिस्सौ जी ने इसे बचाने के लिए मुहिम चलाई है। उनके इस काम के लिए उन्हें काफी प्रशंसा मिली है।

दार्जिलिंग के किसानों को प्रेरणास्रोत बताया

पीएम मोदी ने कहा, ‘आज देश में कृषि क्षेत्र में आधुनिकता की जरूरत है। किसान भाई परंपरागत तौर-तरीकों के साथ इनोवेशन जोड़कर काफी सफलता हासिल कर सकते हैं। इससे उनकी आय में भी बढ़ोतरी होगी। पहले देश ने व्हाइट क्रांति को देखा, अब बी फार्मिंग भी ऐसा ही एक विकल्प बनकर उभर रहा है। पश्चिम बंगाल के दार्जिलिंग के गुरदुम गांव के लोग इसके लिए सबसे बेहतर उदाहरण हैं। पहाड़ों पर तमाम दिक्कतों का सामना करने के बाद भी यहां के लोगों ने हनी बी फार्मिंग (शहद) तैयार करने का काम शुरू किया। इससे किसानों की आमदनी भी बढ़ रही है।’

मन की बात को लेकर भावुक हुए

प्रधानमंत्री ने मन की बात कार्यक्रम के 75वें एपिसोड को लेकर देश की जनता को बधाई दी। मोदी काफी भावुक भी दिखे। कहा, ‘ऐसा लगता है कि मानो यह कल ही बात हो, जब हमने मन की बात शुरू की। 3 अक्टूबर 2014 से शुरू हुआ सफर होली तक पहुंच गया।’

‘मन की बात’ कार्यक्रम में पीएम मोदी की बड़ी बातें

आजादी के लड़ाई में हमारे सेनानियों ने कितने ही कष्ट इसलिए सहे, क्योंकि, वो देश के लिए त्याग और बलिदान को अपना कर्तव्य समझते थे। उनके त्याग और बलिदान की अमर गाथाएं अब हमें सतत कर्तव्य पथ के लिए प्रेरित करे।

पिछले साल ये मार्च का ही महीना था, देश ने पहली बार जनता कर्फ्यू शब्द सुना था। लेकिन इस महान देश की महान प्रजा की महाशक्ति का अनुभव देखिये, जनता कर्फ्यू पूरे विश्व के लिए एक अचरज बन गया था। अनुशासन का ये अभूतपूर्व उदाहरण था, आने वाली पीढ़ियां इस एक बात को लेकर के जरुर गर्व करेगी।

उसी प्रकार से हमारे कोरोना वॉरियर के प्रति सम्मान, आदर, थाली बजाना, ताली बजाना, दिया जलाना। आपको अंदाजा नहीं है कोरोना वॉरियर के दिल को कितना छू गया था वो, और वो ही तो कारण है, जो पूरी साल भर, वे, बिना थके, बिना रुके, डटे रहे। इन सबके बीच, कोरोना से लड़ाई का मंत्र भी जरुर याद रखिए ‘दवाई भी-कड़ाई भी’।

देश की बेटियां आज हर जगह अपनी अलग पहचान बना रही है. वे खेलों में अपनी दिलचस्पी दिखा रही है। मिताली जी, हाल ही में अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट में 10 हजार रन बनाने वाली पहली भारतीय महिला क्रिकेटर बनी हैं। उनकी इस उपलब्धि पर बहुत-बहुत बधाई।

ये दिलचस्प है, इसी मार्च महीने में, जब हम महिला दिवस सेलिब्रेट कर रहे थे, तब कई महिला खिलाड़ियों ने मेडल्स और रिकॉर्ड्स अपने नाम किए हैं। आज, एजुकेशन से लेकर एंटरप्रन्योयर तक, आर्म्ड फोर्सेज से लेकर साइंस एंड टेक्नोलॉजी तक, हर जगह देश की बेटियां, अपनी अलग पहचान बना रही हैं।

मैं एक Unique Light House के बारे में भी आपको बताना चाहूंगा। ये लाइट हाउस गुजरात के सुरेन्द्र नगर जिले में जिन्झुवाड़ा नाम के एक स्थान में है। जानते हैं, ये लाइट हाउस क्यों खास है? क्योंकि जहां ये लाइट हाउस है वहां से अब समुंद्र तट 100 किमी से भी अधिक दूर है।