कोरोना वैक्सीनेशन को लेकर मोदी सरकार का अहम फैसला, 45 साल से अधिक उम्र वाले सभी लोगों को लगेगी वैक्सीन !

ख़बरें अभी तक || देश में एक बार फिर कोरोना वायरस अपना कहर बरपा रहा है। लगाता बढ़ते कोरोना के मामलों के बीच केंद्र सरकार ने भी वैक्सीनेशन पर जोर देना शुरु कर दिया है। वहीं अब सरकार ने कोरोना वैक्सीनेशन पर बड़ा फैसला लिया है। एक अप्रैल से 45 साल और इससे ऊपर के सभी लोग कोरोना वैक्सीनेशन के दायरे में आएंगे। उन्हें सिर्फ कोविन पोर्टल पर अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा। इसके बाद वे सरकारी या प्राइवेट सेंटर पर जाकर टीका लगवा सकेंगे।

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने मंगलवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि देश में वैक्सीन की कोई कमी नहीं है। लोगों को सिर्फ अपना रजिस्ट्रेशन कराना होगा और उन्हें आसानी से सरकारी और प्राइवेट सेंटर्स पर वैक्सीन मिल जाएगी।

एक दिन पहले बदली गाइडलाइन, दूसरा डोज 6 से 8 हफ्ते बाद लगेगा

इससे पहले केंद्र सरकार ने 22 मार्च को कोविशील्ड वैक्सीन को लेकर नई गाइडलाइन जारी की थी। इसके मुताबिक कोविशील्ड वैक्सीन के दो डोज के बीच का समय पहले से दो हफ्ते ज्यादा रहेगा। अब तक कोविशील्ड के दोनों डोज के बीच 4 से 6 हफ्ते, यानी 28 से 42 दिन का अंतर रखा जाता था।

नए निर्देश के मुताबिक अब यह अंतर 6 से 8 हफ्ते यानी 42 से 56 दिन का होगा। नया नियम सिर्फ कोविशील्ड वैक्सीन पर लागू होगा। देसी वैक्सीन यानी भारत बायोटेक के कोवैक्सिन पर नया नियम लागू नहीं होगा। कोवैक्सिन के दो डोज चार हफ्ते के अंतर से ही लगाए जाएंगे।

16 जनवरी से शुरू हुआ टीकाकरण

देश में 16 जनवरी को हेल्थकेयर वर्कर्स को टीका लगाने के साथ कोरोना टीकाकरण की शुरुआत हुई थी। 2 फरवरी से फ्रंटलाइन वर्कर्स को भी वैक्सीन लगने लगी थी। 13 फरवरी से हेल्थकेयर वर्कर्स को दूसरा डोज दिया जा रहा है। फ्रंटलाइन वर्कर्स को दूसरा डोज देने की शुरुआत 2 मार्च को हुई।

1 मार्च को शुरू हुआ दूसरा फेज

देश में कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा फेज 1 मार्च से शुरू हुआ था। इस फेज के तहत 60 साल से ज्यादा उम्र के लोगों को वैक्सीन लगाई जा रही है। इसके साथ ही 45 से 60 की उम्र के ऐसे लोगों को भी वैक्सीन लग रही है, जो गंभीर बीमारियों से जूझ रहे हैं। जिन लोगों की उम्र 60 साल या ज्यादा है, उन्हें रजिस्ट्रेशन और वैक्सीनेशन के वक्त ID कार्ड साथ रखना होगा। 45 से 60 साल के जिन लोगों को गंभीर बीमारी है, उन्हें मेडिकल सर्टिफिकेट दिखाना होगा।