स्टाक एक्सचेंज की इस रणनीती से बाहर नहीं जा सकेगी भारतीय पूंजी

खबरें अभी तक। भारतीय स्टॉक बाजार से जुड़े 3 बड़े संगठनों ने मिलकर एक अहम फैसला लिया है जिसका लक्ष्य भारतीय पूंजी को विदेशी बाजारों में जाने से रोकना है. विदेशी स्‍टॉक एक्‍सचेंज में भारतीय स्‍टॉक मार्केट से जुड़े डेरीवेटिव की ट्रेडिंग पर रोक लगा दी गई है.

देश के 3 बड़े स्‍टॉक एक्‍सचेंजों नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई), बीएसई और मेट्रोपोलिशन स्टॉक एक्सचेंज (एमएसईआई) ने मिलकर इस पर रोक लगाने का फैसला लिया. उनका कहना है कि इससे भारतीय पूंजी विदेशी बाजारों में जा रही थी. विदेशी स्टॉक एक्‍सचेंज में जिन भी डेरीवेटिव्‍स में व्यापार हो रहा है, उन पर रोक लगाई जा रही है. यह रोक तत्काल प्रभाव से लागू हो जाएगी.

सूत्र बताते हैं कि यह फैसला सेबी की सलाह के बाद लिया गया. ऐसा कदम उस समय उठाया गया जब इसी हफ्ते सिंगापुर एक्‍सचेंज ने एनएसई के 50 स्‍टॉक में से सभी में सिंगल स्‍टॉक फ्यूचर शुरू करने का ऐलान किया. डर था कि इससे भारतीय पैसा देश के बाहर चला जाएगा. इसी तरह दुबई में चलने वाले सेंसेक्स फ्यूचर को भी भारत से कोई डाटा नहीं मिलेगा.

 इंडिया टुडे के संपादक और आर्थिक विश्लेशक अंशुमान तिवारी का कहना है कि फिलहाल यह कदम संरक्षमवादी लग रहा है. हालांकि, यह भारत की उस वैश्विक छवि से मेल नहीं खाता है, जिसमें इसे विदेशी पूंजी के लिए उभरता हुआ क्षेत्र बताया जाता है. यह स्थानीय करेंसी और मसाला बॉन्ड्स जैसे भारतीय वित्तीय उत्पादों के वैश्वीकरण के लिए भी अच्छा संकेत नहीं है. उन्होंने कहा है कि सोमवार को बाजार में इसके संकेत देखे जा सकते हैं.हाल के दिनों में विदेशी एक्‍सचेंजों में डेरीवेटिव्‍स में काफी ज्‍यादा कारोबार हो रहा था. कई बार तो इनका आकार प्रपोसिनिएट में भारतीय कारोबार से भी बड़ा हो जाता था, जिससे भारतीय पूंजी ज्‍यादा बाहर जाने लगी थी, जो भारतीय बाजारों के लिए अच्‍छा नहीं माना जा रहा था.

तीनों एक्सचेंजों ने शुक्रवार को भारतीय शेयर बाजार बंद होने के कुछ घंटे बाद यह फैसला लिया. हालांकि इसमें SGX का कोई जिक्र नहीं किया गया.