सरकारी अस्पताल में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगे कर्मचारियों पर बड़ी कार्रवाई

Khabrein Abhi Tak, Kaithal, 10 March 2021

कैथल के सरकारी हॉस्पिटल में नेशनल हेल्थ मिशन के तहत लगे कर्मचारियों की नियुक्ति व योग्यता का विषय अक्सर चर्चाओं में रहता है इनके खिलाफ आज एक बार फिर बड़ी कार्रवाई सामने आई है जिसमें सीएमओ कैथल ने 3 कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निलंबित किया है और एक कर्मचारी शिकायत होने के बाद स्वयं नौकरी छोड़ गया तथा एक जिला प्रबंधक के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए विभाग से मार्गदर्शन मांगा है

अब कैथल  के  सरकारी हॉस्पिटल में एनएचएम स्कीम के तहत लगे कई कर्मचारियों के खिलाफ आरटीआई कार्यकर्ता जयपाल रसूलपुर द्वारा सीएम विंडो पर की गई शिकायत मैं यह आरोप लगाया था कि सरकारी हॉस्पिटल कैथल में एनएचएम स्कीम के तहत जो कर्मचारी लगाए गए हैं उनकी डिग्रियां फर्जी है और उनकी नियुक्तियां बिना किसी विज्ञापन व शैक्षणिक योग्यता को ताक पर रखकर की गई है

इस पूरे मामले की जांच कैथल के मौजूदा एसडीएम संजय कुमार द्वारा की गई, जिसकी जांच रिपोर्ट में जीआईसी मैनेजर वीरेंद्र कुमार की डिग्री फर्जी पाई गई तथा एक फोर्थ क्लास महिला कर्मचारी अंगूरीदेवी को बिना किसी विज्ञापन के ही नौकरी पर रखा गया। इतना ही नहीं उक्त महिला की नियुक्ति के दौरान कोई भी शैक्षणिक योग्यता का दस्तावेज नहीं लिया गया और ना ही उसकी आयु संबंधित नियम को ध्यान में रखा गया।

ऐसे ही एक और फोर्थ क्लास महिला पूनम धीमान जो सरकारी हॉस्पिटल में कुक कम हेल्पर की पोस्ट पर थी। वह रामा कॉलेज ऑफ नर्सिंग कुतुबपुर से नौकरी के साथ-साथ रेगुलर जीएनएम का कोर्स कर रही थी। जिसकी कोई भी अनुमति विभाग से नहीं ली गई थी। ठीक इसी तरह रेखा देवी को भी बिना किसी विज्ञापन के फोर्थ क्लास कर्मचारी के तौर पर नियुक्ति की गई थी। जब इसकी शिकायत सीएम विंडो पर की गई तो उक्त महिला कर्मचारी ने अपने आप ही अपने पद से इस्तीफा दे दिया।

इस तरह इन तीनों कर्मचारियों को एसडीएम ने अपनी जांच में दोषी पाया और इनके खिलाफ उचित कार्यवाही करने के लिए सीएमओ कैथल को लिख दिया था। जिसके बाद सीएमओ कैथल ने उचित संज्ञान लेते हुए अब इन तीन कर्मचारियों को तुरंत प्रभाव से निष्कासित कर दिया है।

ऐसी ही एक शिकायत सीएम विंडो पर और की गई थी। जिसमें एनएचएम के जिला प्रबंधक नरेंद्र कुमार के खिलाफ आरोप लगाए गए थे कि उन्होंने जॉइनिंग के टाइम दिए गए। डिक्लेरेशन फॉर्म के नियमों की कुल अंगना की है।

जयपाल ने बताया कि एनएचएम नियमानुसार जब किसी कर्मचारी को नियुक्ति दी जाती है तो उनसे एक डिक्लेरेशन लिया जाता है कि उनके खिलाफ कोई भी f.i.r. या कोर्ट केस पेंडिंग नहीं है, लेकिन उक्त डीपीएम नरेंद्र कुमार के खिलाफ सीबीआई में एक f.i.r. पेंटिंग है तथा सात के जो चेक बाउंस के हैं। वह करनाल कोर्ट में विचाराधीन है जिनमें उक्त कर्मचारी जमानत पर है।

इसकी जांच में एसडीएम ने इस डीपीएम को दोषी माना और अपनी जांच रिपोर्ट में इसको तुरंत प्रभाव से अपने पद से निष्कासित वह हटाने की सिफारिश उपायुक्त महोदय कैथल को की थी। जिस की पालना में उपायुक्त महोदय ने सीएमओ को उक्त कर्मचारी को हटाने के आदेश दिए थे। उसके बाद सीएमओ कैथल ने अपने निदेशालय से इस कर्मचारी को हटाने के लिए मार्गदर्शन मांगा है।