27 फरवरी को है विनायक चतुर्थी,जानें पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

ख़बरें अभी तक। फाल्गुन मास की विनायक चतुर्थी 27 फरवरी के दिन गुरुवार को पड़ रही है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की विधि विधान से पूजा करते है। जीवन में आने वाली समस्याओं के निवारण, आर्थिक संकट को दूर करने, सुख-समृद्धि, धन-दौलत में वृद्धि हेतु विनायक चतुर्थी को गणेश जी का विधि पूर्वक की जाती है। अमावस्या के बाद आने वाली चतुर्थी को ही विनायक चतुर्थी का नाम दिया गया है। कई जगहों पर इसे वरद विनायक चतुर्थी भी कहते है।

बता दें कि गणेश चतुर्थी हिन्दू कैलेंडर के हर माह में दो बार आती है। कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को संकष्टी गणेश चतुर्थी या सकट चौथ कहते है। साथ ही शुक्ल पक्ष की चतुर्थी को विनायक चतुर्थी के नाम से जाना जाता है।

विनायक चतुर्थी मुहूर्त फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी तिथि का प्रारंभ 27 फरवरी दिन गुरुवार को सुबह 04 बजकर 11 मिनट से हो रहा है। जो कि 28 फरवरी दिन शुक्रवार को सुबह 06 बजकर 44 मिनट तक है।

विनायक चतुर्थी पूजा विधि बता दें कि  विनायक चतुर्थी की पूजा वैसे दोपहर में ही की जाती है। इस दिन विघ्नहर्ता श्री गणेश जी की पूजा करने से लाभ प्राप्त होता है। व्रत रखने वाला व्यक्ति चतुर्थी के दिन स्नान आदि से निवृत होने के बाद लाल वस्त्र पहनें। फिर दोपहर में पूजा स्थल पर भगवान गणेश की प्रतिमा स्थापित कर लें। इसके बाद व्रत का संकल्प करें। इसके बाद गणपति को अक्षत्, रोली, पुष्प, गंध, धूप आदि से सुशोभित करें। फिर  गणेश जी को 21 दुर्वा अर्पित करें। साथ ही लड्डुओं का भोग लगाएं।

जब आप गणेश जी को दूर्वा अर्पित करें तो उस समय ओम गं गणपतयै नम: मंत्र का उच्चारण अवश्य करें। अब गणेश जी की कपूर या घी के दीपक सहित सच्चे मन से आरती करें। पूजा के पश्चात प्रसाद लोगों मे बांट दें। दिनभर फलाहार करते हुए शाम के समय एक बार फिर गणेश जी का आराधना करें।जिसके बाद आप स्वयं भोजन ग्रहण करें। व्रत के समय आप ओम गणेशाय नम: मंत्र का जाप करें।