महिला की मौत पर फूटा लोगों का गुस्सा

खबरें अभी तक। जिला मुख्यालय धर्मशाला के साथ लगते दाडऩू निवासी ऋषि कुमार ने सैंकड़ों ग्रामीणों के साथ अपनी मृतक बहन रमा देवी को इंसाफ दिलाने के लिए जिला प्रशासन, एस.पी. जिला कांगड़ा और सी.एम.ओ. जिला कांगड़ा से न्याय की गुहार लगाई है। वीरवार को डी.सी. कांगड़ा व पुलिस प्रशासन के समक्ष मृतक बहन के लिए उचित कार्रवाई की मांग करते हुए ऋषि कुमार ने बताया कि वह 2 फरवरी को अपनी गर्भवती बहन रमा देवी को उपचार के लिए जोनल अस्पताल लेकर गया था लेकिन अस्पताल में गायनी विशेषज्ञ न होने की वजह से प्राथमिक उपचार के बाद घर आना पड़ा।

आप्रेशन के बाद बिगड़ गई महिला की तबीयत
उसी रात रमा की तबीयत फिर से खराब होने पर उसे धर्मशाला स्थित निजी नर्सिंग होम में ले जाया गया। निजी संस्थान में तैनात महिला कर्मचारी ने सीधे ऑप्रेशन से प्रसूति की बात कही जबकि न तो रमा देवी का कोई टैस्ट किया गया और न ही पुराने रिकार्ड की जांच की गई। आप्रेशन के बाद बच्चा तो स्वस्थ हुआ लेकिन रमा की तबीयत खराब हो गई तथा निजी नर्सिंग होम में रमा और उसके बच्चे को अलग-अलग उपचार के लिए रखा गया। महिला की तबीयत ज्यादा खराब होने पर निजी नर्सिंग होम की ओर से परिजनों को टांडा ले जाने की बात कही। 108 एम्बुलैंस मंगवाने पर पहले सरकारी अस्पताल में दाखिल करवाने की बात कही गई, जिसके चलते जोनल अस्पताल में महिला को दाखिल करवाया गया तथा वहां से टांडा रैफर किया गया।

निजी अस्पताल में 12 घंटे बाद हो गई मौत
ऋषि ने बताया कि 4 फरवरी को टांडा में डाक्टरों ने मरीज का उपचार किया लेकिन उसकी तबीयत बिगड़ती गई। आई.सी.यू. में रखने के बाद मरीज को पी.जी.आई. रैफ र कर दिया, साथ ही टांडा के डाक्टरों ने यह भी बता दिया कि बचने की संभावना कम है क्योंकि मरीज को यहां देरी से पहुंचाया गया है, जिस पर परिजन महिला को कांगड़ा के एक अन्य निजी अस्पताल में ले गए, जहां 12 घंटे बाद महिला की मौत हो गई। ऋ षि कुमार व ग्रामीणों ने बताया कि महिला को धर्मशाला के निजी अस्पताल के बाद जहां भी लेकर गए, वहां के डाक्टरों ने मरीज का ऑप्रेशन करते समय लापरवाही बरतने या किसी विशेषज्ञ द्वारा आप्रेशन न करने की बात कही है।

जल्द बंद किया जाए नर्सिंग होम 
लापरवाही के कारण बहन की हुई मौत की शिकायत लेकर मृतका के भाई व परिजनों ने जिला प्रशासन के समक्ष धर्मशाला स्थित निजी नर्सिंग होम को जल्द बंद करवाने व ऑप्रेशन करने वालों पर उचित कार्रवाई करने की मांग की है। यदि जिला प्रशासन जल्द कोई उचित कार्रवाई अमल में नहीं लाता है तो सभी ग्रामीण सड़कों पर उतरकर आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे।