26 तक निगम पेश कर सकता है 2018-19 का वार्षिक बजट

खबरें अभी तक। नगर निगम वर्ष, 2018-19 का वार्षिक बजट 26 फरवरी तक पेश कर सकता है, इसके लिए प्रशासन बजट तैयारी में जुट गया है। प्रशासन की ओर से सभी विभागों से सालाना आय-व्यय का ब्यौरा मांगा गया है व साथ ही बजट को लेकर शुक्रवार को मेयर कुसुम सदरेट अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक भी करेंगी। समीक्षा बैठक में वित्त वर्ष के लिए जो बजट तैयार किया जाना है, उस पर विस्तार से चर्चा की जाएगी।

मेयर ने बजट को लेकर वीरवार को वित्त अधिकारी से विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की। उन्होंने कहा कि निगम फरवरी अंत तक बजट पेश करेगा। इसके लिए विभागों को तैयारियों के आदेश दिए गए हैं। शुक्रवार को बजट को लेकर समीक्षा बैठक भी बुलाई गई है।

बैठक में बजट में शहरवासियों के लिए नई योजनाओं को शामिल करने पर भी चर्चा होगी। सूत्रों की मानें तो निगम फरवरी के आखिरी सप्ताह यानि 26 फरवरी को शहर का बजट पेश कर सकता है। हालांकि बजट की तिथि को लेकर अभी कोई आधिकारिक घोषणा नहीं हुई है।

आम जनता के सुझावों को भी मिलेगी प्राथमिकता
नगर निगम वित्त वर्ष का जो बजट तैयार कर रहा है, उसमें शहर की आम जनता के  सुझावों को भी शामिल किया जाएगा। प्रशासन ने 22 फरवरी तक अपने सुझाव देने के आदेश दिए हैं ताकि निगम लोगों के सुझावों को बजट में शामिल कर सके। आम जनता सोशल मीडिया, लिखित, ई-मेल व फेसबुक के जरिए अपने सुझावों को प्रशासन के समक्ष रख सकती है।

पिछले बजट की घोषणाएं अधूरी, अगले की तैयारी 
निगम द्वारा 2017-18 में जो वार्षिक बजट पेश किया गया था, उसकी दर्जनों घोषणाएं अधूरी रह गई हैं। निगम पिछली घोषणाओं में तहबाजारियों को बसाने के लिए वैंडर प्लान तैयार नहीं कर पाया है। शहर में ग्रीन फीस व्यवस्था शुरू नहीं हुई, वहीं रानी झांसी पार्क में कामकाजी महिलाओं के  बच्चों के लिए क्रच खोलने की घोषणा भी नगर निगम ने बजट में की थी लेकिन साल बीतने के बाद भी यह योजना सिरे नहीं चढ़ पाई है। प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों को आवास बनाए जाने थे, इसके लिए निगम ने 2 स्थान चयनित किए हैं जहां पर आवास बनाए जाने हैं। इसमें छोटा शिमला व ताराहाल के पास जगह फाइनल की गई है जहां पर मकान बनाए जाने हैं। बजट में इसके लिए प्रावधान किया गया है लेकिन यह योजना भी अब तक सिरे नहीं चढ़ पाई है। ऐसे में निगम अब पिछली घोषणाओं को भूल अगले बजट की तैयारी में जुट गया है।

पिछले साल पेश किया था 401 करोड़ का सरप्लस बजट  
पिछले साल माकपा शासित नगर निगम ने शहरवासियों को बजट में कई सब्जबाग दिखाए थे। निगम ने वित्त वर्ष 2017-18 के लिए 401 करोड़ 67 लाख रुपए का सरप्लस बजट पेश किया था, यानि बजट में पिछली बार घाटा नहीं दिखाया गया था। यह छठे निर्वाचन का पहला ऐसा बजट था जिसमें घाटा नहीं आंका गया है जबकि इससे पूर्व निगम ने 215 करोड़ का बजट पेश किया था जिसमें 33 करोड़ घाटा दर्शाया गया था। बजट में अमृत मिशन के तहत शहर के विकास को अहम माना गया था। अमृत के तहत केंद्र से मिलने वाले अनुदान के सहारे ही शिमला का विकास होगा। बजट की अधिकतर योजनाएं अमृत पर आधारित थीं।