जच्चा-बच्चा की लापरवाही के चलते मौत का मामला

खबरें अभी तक। हिसार की अदालत ने डिलीवरी के दौरान एक जच्चा-बच्चा की लापरवाही के चलते मौत के मामले में बरवाला के निजी अस्पताल की लेडी डॉक्टर प्रवीण सिवाच को 7 साल की कैद और 21 हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने आज यह सजा गैर इरादतन हत्या के जुर्म में सुनाई। अदालत में चले अभियोग के अनुसार बरवाला थाना में इस संबंध में 7 दिसम्बर 2010 को केस दर्ज हुआ था। गांव कापड़ो के प्रवीण कुमार ने अदालत में याचिका दायर कर कहा था कि उसकी पत्नी नन्ही देवी को गर्भवती होने के चलते बरवाला के निजी अस्पताल में दाखिल करवाया गया था।

वहां पर डा.प्रवीण सिवाच ने डिलीवरी करवाई थी। डिलीवरी के बाद जच्चा-बच्चा स्वस्थ बताया गया था। लेकिन रात्रि को नवजात की मौत हो गई। अस्पताल से जच्चा को छुट्टी दे दी गई। घर जाने पर जच्चा की तबीयत बिगड़ गई। याचिका में आरोप लगाया कि आप्रेशन के दौरान सही तरीके से टांके नहीं लगाए गए थे। जिस कारण ब्लीडिंग नहीं रूकी। परिजन जच्चा को अस्पतालों में ले गए लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका। यह मामला सी.एम.ओ. कार्यालय भी पहुंचा था। सी.एम.ओ. ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित कर मामले की जांच की थी। परिजनों ने लेडी डाॅक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया था।