पुलवामा हमले में शहीद तिलक राज को आज किया जा रहा है याद

खबरें अभी तक। आज के ही 14 फरवरी के दिन सीआरपीएफ के 78 वाहनों के काफिले में 2,547 सीआरपीएफ जवान जम्मू के ट्रांजिट शिविर से श्रीनगर की ओर जा रहे थे, तभी श्रीनगर से करीब 30 किलोमीटर दूर लेथपोरा इलाके में दोपहर करीब सवा तीन बजे आतंकियों ने इस हमले को अंजाम दिया। सीआरपीएफ की जिस बस में टक्कर मारी, उससे बहरा कर देने वाला विस्फोट हुआ। हमला इतना जबरदस्त था कि सीआरपीएफ बस के परखच्चे उड़ गए।

इस विस्फोट में हिमाचल के ज्बाली का जवान भी शहीद हुआ था। शहीद तिलक राज का जन्म 2 मई, 1988 को हुआ था। पिता लायक राज मजदूरी करते हैं और माता विमला देवी गृहिणी है। तिलक राज की प्रारंभिक शिक्षा राजकीय प्राथमिक पाठशाला धेवा में हुई थी। स्कूल घर से डेढ़ किमी दूर था और वह हर रोज पैदल ही विद्यालय पहुंचते थे। आगे की पढ़ाई राजकीय वरिष्ठ माध्यमिक पाठशाला परगोड़ा से की थी।

तिलक राज शुरू से ही पढ़ने के साथ खेलकूद में शौक रखते थे। गरीबी के कारण 10वीं के बाद पढ़ाई नहीं कर सके थे। इसके बाद उन्होंने जवाली में तीन साल फोटोग्राफी का काम सीखा और बाद में फोटोग्राफी की दुकान खोली थी। तिलक ने कबड्डी की राज्यस्तरीय प्रतियोगिता में भी हिस्सा लिया था। 2007 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। उनकी शादी सावित्री देवी से हुई थी। 14 फरवरी, को पुलवामा आतंकी हमले में शहीद हुए तिलक राज उस समय एक दो साल का और एक 22 दिन का बेटा विवान छोड़ गए थे।

हमसफर के साथ छोड़ जाने का गम किसे नहीं होता है। दर्द को शब्दों में बयां करना संभव नहीं है। गर्व है कि मेरे पति देशरक्षा के लिए शहीद हुए हैं। छोटा बेटा अभी यह भी नहीं जनता है कि पिता नहीं रहे हैं। उनकी शहादत के बाद सरकार ने नौकरी देकर परिवार की आर्थिक स्थिति सुधारने में मदद की है। शहीद तिलक राज की पत्नी बोली मुझे फक्र है अपने पति की शहादत पर।

ज्वाली विधानसभा क्षेत्र के गांव धेवा जन्दरोंह का शहीद तिलक राज आज भी लोगों के दिलों में छाया हुआ है। शहीद का पहाड़ी डीजे गाना मेरा सिद्धू शराबी आज भी विवाह व अन्य समारोहों में धूम मचाए हुए हैं। आईटीबीपी का शहीद जवान तिलक राज बीते साल 14 फरवरी को जम्मू में पुलबामा हमले में शहीद हो गया था। शहीद की अंत्येष्टि पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने विधायक अर्जुन ठाकुर की मांग पर जितनी भी घोषणाएं की थीं छह महीने के भीतर ही पूरी कर दी हैं। ग्रामीणों का कहना है कि शहीद के घर से निकलने वाली प्रस्तावित सड़क अगर बन जाये तो शहीद के लिए सच्ची श्रद्धांजलि होगी।