ट्रंप और PM मोदी बातचीत में मालदीव संकट था एक अहम मुद्दा

खबरें अभी तक। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की. इस दौरान दोनों नेताओं ने कई मुद्दों पर चर्चा की. इसमें मालदीव संकट अहम मुद्दा था. व्हाइट हाउस के मुताबिक, दोनों नेताओं ने अफगानिस्तान, भारतीय उपमहाद्वीप, सुरक्षा और आतंकवाद के मुद्दों पर भी बात की.

व्हाइट हाउस द्वारा जारी बयान में दोनों नेताओं ने मालदीव के हालिया संकट पर चिंता व्यक्त की है. और उम्मीद जताई कि वहां पर लोकतंत्र और कानून को तवज्जो दी जाएगी. गौरतलब है कि बीते सप्ताह से ही मालदीव के हालात कुछ ठीक नहीं हैं. मालदीव के राष्ट्रपति ने देश में आपातकाल की घोषणा कर दी है, जिसके बाद पूर्व राष्ट्रपति और सुप्रीम कोर्ट के जज को गिरफ्तार कर लिया गया है.

मालदीव ने अपने देश के राजनीतिक हालात का ब्योरा देने के लिए पाकिस्तान और चीन में विशेष दूत भेजे हैं. हालांकि भारत ने मालदीव के दूत के दौरे को अनुमति नहीं दी और कहा कि राजनयिक दौरे के लिए ये उचित समय नहीं है. इस पर मालदीव ने दुख जताया है.

आपको बता दें कि 2018 में दोनों नेताओं के बीच यह पहली आधिकारिक बातचीत है. इससे पहले दोनों नेताओं की दावोस में वर्ल्ड इकॉनोमिक फॉरम के दौरान मिलने की उम्मीद थी, लेकिन मुलाकात नहीं हो पाई थी.

दक्षिण एशिया, रोहिंग्या पर भी हुई बात

दोनों नेताओं की बातचीत का मुख्य मुद्दा दक्षिण एशिया में सुरक्षा व्यवस्था और शांति स्थापित करने का भी रहा. ट्रंप ने मोदी से अमेरिका की नई अफगान नीति पर भी बात की. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप और पीएम मोदी के बीच म्यांमार के रोहिंग्या मुद्दे पर बात हुई.

गौरतलब है कि इस समय बांग्लादेश में करीब 680000 रोहिंग्या शरणार्थी मौजूद हैं, जिसका असर उसकी अर्थव्यवस्था पर भी पड़ रहा है. दोनों नेताओं ने इस मुद्दे पर भी बात की. अमेरिका ने कहा है कि रोहिंग्या शरणार्थियों के लिए अभी म्यांमार लौटने का सही समय नहीं है.

 नॉर्थ कोरिया पर भी हुई बात

पिछले कुछ समय से अमेरिका और दुनिया के लिए चिंता का विषय बना नॉर्थ कोरिया भी दोनों नेताओं की बातचीत का विषय बना. दोनों नेताओं ने नॉर्थ कोरिया की धमकियों से निपटने पर भी बात की.

दोनों देशों के संबंधों पर नई नीति

दोनों देशों के संबंध के मद्देनज़र ट्रंप और मोदी की बातचीत काफी अहम है. दोनों देशों के बीच सामरिक और आर्थिक संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए दोनों नेताओं ने 2+2 मंत्री लेवल की बातचीत पर ध्यान को कहा है. रक्षा और राजनयिक मुद्दों पर दोनों देशों के बीच अप्रैल में बातचीत होगी.

आपको बता दें कि 2+2 की नीति पर पिछले साल जून में दोनों नेताओं ने सहमति जताई थी. इस नीति के तहत विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और रक्षा मंत्री निर्मला सीतारमण भारत की तरफ से अमेरिकी सरकार से बात करेंगी.