B’day spcl: जगजीत सिंह ने पत्नी चित्रा को प्रपोज करने के लिए मांगी उसके पति से इजाजत

खबरें अभी तक। आप सभी को पता होगा वैलेंटाइन वीक शुरू हो गया है और आज गजल गायक जगजीत सिंह का जन्मदिन भी है. इस डबल ख़ास मौके पर हम आपको गज़ल सम्राट की लवस्टोरी के बारे में बताने जा रहे हैं. कभी सुना है कि किसी लड़के ने किसी लड़की को प्रपोज करने के लिए उसके पति से इजाजत मांगी हो! अगर जगजीत और चित्रा की प्रेमकहानी से गुजरना हुआ है, तो शायद आप ये जानते होंगे. ऐसा अब तक नहीं हो पाया है, तो ये आज ये पढ़ना आपको काफी अच्छा महसूस करवा सकता है.

जगजीत सिंह की ग़जल उनकी गायकी उनका संघर्ष सब आपके सामने आता रहा है. जब बात उनकी मोहब्बत की होती है, तो बस एक नाम सामने आता है- चित्रा सिंह. दोनों ने गायकी से जो जुगलबंदी की, वो जिंदगी की सरगम पर भी बेहद खूबसूरती से खरी उतरी. मगर शुरुआत कैसे हुई थी? चित्रा की जगजीत सिंह के साथ दूसरी शादी थी. इसके आगे की कहानी वहां से बताते हैं, जहां जगजीत और चित्रा पहली बार मिले.

1965 का वक्त था. जगजीत की पहली एलबम रिलीज हुई थी. दो साल बाद चित्रा और जगजीत की एक स्टूडियो में मुलाकात हुई. उस वक्त चित्रा ने जगजीत के साथ गाने से मना कर दिया था. दोनों को एक विज्ञापन के जिंगल के लिए साथ में गाना था. एक मैग्जीन को दिए इंटरव्यू में बाद में चित्रा ने बताया था कि उन्होंने ऐसा क्यों किया. उन्होंने कहा, ‘मैंने म्यूजिक डायरेक्टर को कहा था कि जगजीत की आवाज बहुत भारी है, मैं उनके साथ नहीं गा पाऊंगी.’ हालांकि उस वक्त अनचाहे ही सही चित्रा और जगजीत की जुगलबंदी की शुरुआत हो गई थी. दोनों ने तब जो साथ गाया, तो फिर उसके बाद साथ-साथ गाते ही रहे. उन्हें ग़जल कपल कहा जाने लगा. उन दोनों की आवाजों ने एक-दूसरे को इस तरह पूरा किया, जैसे सात सुर मिलकर एक सरगम बनती है. 1969 में दोनों की शादी हुई थी.

चित्रा की दूसरी शादी-
इस शादी के होने से पहले चित्रा एक दूसरी जिंदगी जी चुकी थीं. इससे पहले 16 साल की उम्र में उनकी पहली शादी हुई थी. ये शादी उनकी नहीं, बल्कि उनके घरवालों की मर्जी से हुई थी. उनकी एक बेटी भी थी. उनके पति का नाम था देबो प्रसाद दत्ता. दोनों की शादी लंबे समय तक चली. चित्रा अपनी पत्नी होने की जिम्मेदारी निभाती रहीं और देबो अपने पति होने की. मीडिया रिपोर्ट्स की मानें, तो बताया जाता है कि देबो का शादी के बाद भी किसी से अफेयर था, जिसके बारे में चित्रा जानती थीं. 1968 में दोनों ने खुद ही अलग होने का फैसला किया और तलाक की प्रक्रिया शुरू हो गई. चित्रा अपनी बेटी मोनिका को लेकर देबो से अलग रहने लगीं. उस वक्त बतौर दोस्त चित्रा की जिंदगी में जगजीत वो इमारत बनकर खड़े रहे, जिसमें सिर भी छिपाया जा सकता है और जिसके सहारे खड़ा भी रहा जा सकता है.

इंतजार का दामन थामकर पाया प्यार-
जगजीत ने जब चित्रा को अपने दिल की बात बताई, तो उनका जवाब था कि वो शादीशुदा हैं और एक बच्ची की मां हैं. उनका तलाक होने वाला है. इन सब बातों को कहने के पीछे शायद चित्रा का मकसद ये बताना था कि जगजीत को अपनी जिंदगी उनके साथ आकर खराब नहीं करनी चाहिए. मगर जगजीत का मकसद और मन सिर्फ चित्रा से प्यार करना था. उन्होंने इंतजार करने में भी दिल छोटा नहीं किया. बताया जाता है कि जब चित्रा का देबो से तलाक हो गया, तो जगजीत एक दिन देबो के पास गए और बोले मैं आपकी पत्नी से शादी करना चाहता हूं. बहुत ही सादे अंदाज में चित्रा और जगजीत की शादी हो गई. चित्रा से तलाक के बाद देबो ने भी दूसरी शादी कर ली थी.