17 साल के युवा पहलवान कपिल ने कुश्ती में गोल्ड मेडल किया हासिल

ख़बरें अभी तक। कहते हैं कि जब हौसलें जवां हो तो आसमान की ऊंचाईयां छूने से कोई आपको रोक नहीं सकता। कुछ ऐसा ही कर दिखाया है बहादुरगढ़ में भारत केसरी पहलवान सोनू अखाड़े के युवा पहलवान कपिल ने। फ्री स्टाईल कुश्ती के बेहतर पहलवान हो चुके कपिल के पैर में दिसम्बर 2018 को चोट लग गई। डॉक्टर ने ऑपरेशन भी बोल दिया। लेकिन कपिल की जिद्द और जूनुन ऐसी कि उसने फ्री स्टाईल छोड़कर ग्रीको रोमन कुश्ती को अपना लिया।

पहली बार ग्रीको रोमन में खेलते हुए कपिल ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। असम के गुवाहटी में हुए खेलो इंडिया में कपिल ने गोल्ड मेडल हासिल किया है। अर्जुन अवार्डी कोच पहलवान धर्मेन्द्र अपने शिष्य की उपलब्धि पर बेहद खुश है। उनका कहना है कि वो आगे भी गोल्ड जीतकर देश का नाम रोशन करेगा। कपिल 12वीं कक्षा का छात्र है।

पैर में चोट लगने से पहले कपिल ने फ्री स्टाईल कुश्ती में भाग लेते हुए साल 2017 में  स्कूल नेशनल में कांस्य पदक हासिल किया और जनवरी 2018 में हुए खेलो इंडिया में रजत पदक हासिल किया। कोच के उत्साहवर्धन से पहली बार ग्रीको रोमन कुश्ती में भाग लिया। 17 साल के युवा पहलवान ने पहले स्कूल नेशनल में गोल्ड हासिल किया और अब खेलो इंडिया में गोल्ड हासिल कर परिवार और कोच का सीना चौड़ा कर दिया है।

कपिल अब 26 जनवरी को पटना में होने वाली सब जूनियर नेशनल में भाग लेगा और वहां गोल्ड जीतकर देश के लिये अर्न्तराष्ट्रीय स्तर पर पदक लाने की तरफ कदम बढ़ा देगा। पदक जीतकर अखाड़े में लौटे पहलवान कपिल का साथी पहलवान और कोच ने फूलमालाओं के साथ जोरदार स्वागत किया। कुश्ती प्रेमियों ने मिठाई खिलाकर पहलवान को शुभकामनाएं भी दी।

फ्री स्टाईल कुश्ती में हाथ और पैर दोनों का इस्तेमाल होता है लेकिन ग्रीको में हाथों से ही विरोधी को पस्त करना होता है। पैर की चोट के कारण ही कपिल ने फ्री स्टाईल से ग्रीको रोमन कुष्ती की तरफ कदम बढ़ाया है। कपिल दिल्ली के रावता गांव का रहने वाला है और पिछले चार साल से सोनू अखाड़े में अर्जुन अवार्डी पहलवान धर्मेन्द्र दलाल से पहलवानी सीख रहा है।