जींद में हुई जाट समाज की महापंचायत, अभिमन्यु की कोठी पर आगजनी के मामले में हुआ समझौता

खबरें अभी तक। जाट धर्मशाला जींद में ऐतिहासिक सर्वजातीय सर्व खाप पंचायत का आयोजन किया गया। जाट आरक्षण आंदोलन फरवरी 2016 में तत्कालीन वित्त मंत्री कैप्टन अभिमन्यु का घर व संस्थानों को जलाने के मामले में सर्वजातीय सर्व खाप पंचायत ने सामुहिक रूप से 11 हजार रूपये गौ शाला में दान देने का जुर्माना लगा सामाजिक तौर पर इस मामले का समाधान कर दिया। सतरोल खाप एवं सिंधु परिवार ने इस जुर्माने को माफ कर दिया। आज यहां हुई सर्व खाप पंचायत की अध्यक्षता सतरोल खाप के प्रधान रामनिवास लोहान ने की। इसमें उत्तर भारत के अधिकांश खाप प्रमुखों व पदाधिकारियों ने भाग लिया।

सर्व खाप पंचायत को इस मामले में सीबीआई द्वारा बनाए गए अभियुक्तों ने एक माफीनामा दिया। जिसमें लिखा था कि सिंधु निवास पर जो हमला, लूटपाट और आगजनी हुई उसके लिए हम खेद व्यक्त करते हैं। इस विषय में हमारी प्रत्यक्ष एवं परोक्ष भूमिका, गलती या भूल चूक के लिए क्षमा प्रार्थी हैं। समाज की तरफ से आयोजित इस पंचायत में जो भी निर्णय लिया जाएगा हम उसे स्वीकार करेंगे। सिंधु परिवार ने भी कहा कि पंचायत जो भी फैसला करेंगी वह उसे मानेगा । इस मामले में पंचायत की कार्यवाही के बाद 21 सदस्यों की एक कमेटी बनाई गई जिसने यह फैसला पंचायत के समक्ष रखा।

सर्व खाप पंचायत में वक्ताओं ने रोहतक स्थित सिंधु भवन, वेद मंदिर, कार्यालय, इंडस पब्लिक स्कूल, हरिभूमि प्रैस आदि में आगजनी, तोड़फोड़, लूटपाट और हमले को बहुत ही दुर्भाग्य पूर्ण बताया और इस पर खेद व्यक्त किया। यह भी प्रस्ताव पारित किया गया कि स्वर्गीय चौधरी मित्रसेन के परिवार ने हर मामले में अग्रणी रहकर समाज को सहयोग प्रदान किया। उनके घर तथा वहां पर मौजूद 10 सदस्यों जिनमें महिला, पुरूष व बच्चे शामिल थे को जिंदा जलाने का प्रयास किया गया। यह पंचायत उसकी घोर निंदा करती है। पंचायत इस हिंसा में प्रत्यक्ष या प्ररोक्ष रूप से शामिल रहने वाले हर व्यक्ति या संगठन की भर्तस्ना करती है।

पंचायत इस निष्कर्ष पर पहुंची है कि कैप्टन अभिमन्यु या उनके परिवार ही नहीं बल्कि पूरे समाज के विरूध एक गहरी साजिश थी। इस साजिश में जो भी लोग सम्मिलित रहे हैं, यहां तक की शासन प्रशासन से जूड़े लोग भी इसमें शामिल हैं, तो उन सभी की पंचायत निंदा करती है। दिल दहला देने वाली इस घटना के बाद जिस भी व्यक्ति या संगठन ने मिथ्या, अनर्गल या मनघडंत आरोप लगाकर सिंधु परिवार को बदनाम करने का और समाज के भाईचारे को बिगाड़ने की कोशिश की यह पंचायत उसकी भी निंदा करती है। यह पंचायत सिंधु परिवार का आभार व्यक्त करती है कि इस अत्यंत कठिन समय में भी परिवार ने संयम नहीं खोया और परिजनों पर जानलेवा हमले के बाद भी बदले की भावना के तहत किसी तरह की प्रतिहिंसा नहीं की और अपना स्ंयम बनाए रखा।

पंचायत ने प्रस्ताव पास कर कहा कि सिन्धु परिवार के सैक्टर 14 स्थित निवास पर आगजनी व लूटपाट मे करोड़ों रूपये की हानि के बावजूद नुकसान की भरपाई के लिये मिले सरकारी मुआवजे की पूरी राशि गरीब कन्याओं की शादी में व्यय करके परिवार ने एक आदर्श प्रस्तुत कर महान कार्य किया हैं। समाज इनके धैर्य व अच्छे कार्य की सराहना करता है। यह भी कहा गया कि यदि भविष्य में इस विषय पर झूठी, अर्नगल या अनावश्यक ब्यानबाजी की तो पंचायत उसे अवमानना मान कर सामाजिक दंड देने का काम करेगी।

सिन्धु परिवार पर किये गए हमले से जुडे मामलों में जो सीबीआई जांच चल रही है और उसमें जिन लोगों को आरोपी बनाया गया है वे तमाम लोग यहां उपस्थित हैं। उन्होंने अपने या अपने परिवार की ओर से अपना माफीनामा पंचायत को सौंपा है। पंचायत उनके कृत्य की वजह से उन्हें समाज के प्रति दोषी मानती है और उन्हें पंचायत की तरफ से दंड दिया जाता है। यह निर्णय सामाजिक भाईचारा कायम करने एवं आपस में द्वेश भावना मिटाने के लिए किया गया है। भविष्य में सीबीआई जांच में नए विषय या सक्ष्य आने के मुद्दे इस पंचायत के फैसले के दायरे से बाहर रहेंगे । अदालत की किसी कार्यवाही से इस पंचायत का कोई ताल्लूक नहीं है। पूरा समाज सिंधु परिवार के साथ है।

न्यायिक मामले के लिए एक कमेटी गठित की गई है जो कानूनी सलाह लेकर पंचायत के फैसले को अमल में लाने के लिए आगामी भूमिका तय करेगी । इसके बाद भी न्यायलय कोई फैसला सुनाता है तो वह सर्वपरि है और इसमें एक-दूसरे को दोषी नहीं ठहराया जाएगा । कमेटी में पालम 360 के प्रधान रामकरण, पुनिया खाप के शमशेर नम्बरदार, टेकराम कंडेला, राजकुमार रेडु, मास्टर किताब सिंह मलिक, बलबीर सिहाग, मानसिंह दलाल, महेन्द्र नांदल, सतबीर सिंह, मलिक राज मलिक, जयसिंह अहलावत, सुरेंद्र दहिया, भलेराम नरवाल, चौधरी राजमल जाटू खाप आदि शामिल थे।