जस्टिस गिल रिपोर्ट में बदले की भावना के बीच सुखबीर-मजीठिया ने दर्ज कराया केस

खबरें अभी तक। पंजाब में अकाली-भाजपा गठबंधन सरकार के दौरान पुलिस द्वारा दर्ज किए गए झूठे मामलों की जांच के लिए गठित आयोग ने मंगलवार को अपनी पांचवीं अंतरिम रिपोर्ट सूबे के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह को सौंप दी।

पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट के जस्टिस (रिटायर्ड) मेहताब सिंह गिल द्वारा मुख्यमंत्री को सौंपी पांचवीं अंतरिम रिपोर्ट में जांचे गए मामलों में से 41 केसों को फर्जी पाया और इन मामलों में दर्ज एफआईआर रद्द करने की सिफारिश की है। इस अंतरिम रिपोर्ट के साथ ही आयोग द्वारा फर्जी पाए गए कुल मामलों की संख्या 258 हो गई है।

इस अंतरिम रिपोर्ट में जिन मामलों में एफआईआर रद्द करने की सिफारिश की गई है, उनमें गुरदासपुर के पूर्व एसडीएम विजय सियाल और सिख धर्म प्रचारक बलजीत सिंह दादूवाल के खिलाफ दर्ज केस भी शामिल हैं। आयोग ने इन दोनों मामलों को तत्कालीन उपमुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल और पूर्व राजस्व मंत्री बिक्रम सिंह मजीठिया के आदेशों को मानने से इंकार करने पर बदले की भावना से दर्ज किया गया बताया है।जस्टिस गिल ने यह पांचवीं रिपोर्ट मुख्यमंत्री को उनके सरकारी निवास स्थान पर पहुंचकर सौंपी। इसमें 159 शिकायतों में से 110 शिकायतें अधिकार क्षेत्र की कमी कारण रद्द कर दीं गईं या यह पूरी तरह मेरिट के आधार पर नहीं थीं। मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि जस्टिस गिल ने मुख्यमंत्री को बताया कि 44 शिकायतों में एफआईआर रद्द करने के लिए खास तौर पर प्रस्ताव दिया गया है। इस तरह आयोग द्वारा अब तक कुल 655 शिकायतों की समीक्षा की जा चुकी है।

सयाल ने सुखबीर की बस का किया था चालान
आयोग ने अपनी रिपोर्ट में खुलासा किया है कि सियाल को विजिलेंस ब्यूरो फरीदकोट ने झूठी एफआईआर दर्ज करके फंसाया था क्योंकि उन्होंने सुखबीर की आर्बिट बस का चालान कर दिया था, जिनके पास गृह विभाग का प्रभार भी था। वहीं, आयोग को दादूवाल के मामले में 10 नवंबर, 2015 को उनके द्वारा दिए गए भाषण में कोई भी बगावत वाली बात नहीं लगी।

अब तक 258 केसों में राहत की सिफारिश, 397 शिकायतें रद
जस्टिस मेहताब गिल आयोग ने 258 मामलों में राहत की सिफारिश की है जबकि शेष 397 रद्द कर दीं गई हैं।
23 अगस्त 2017 को पेश की गई पहली अंतरिम रिपोर्ट में 178 शिकायतों में से 58 शिकायतें रद्द की गई थीं और 120 शिकायतों में राहत दी गई थी।
23 सितंबर 2017 को पेश की गई दूसरी अंतरिम रिपोर्ट में 106 शिकायतों में से 59 रद कर दीं गई थीं और 47 शिकायतों में शिकायतकर्ताओं को राहत दी गई थी।
23 अक्तूबर, 2017 को पेश की गई तीसरी अंतरिम रिपोर्ट में 101 शिकायतों में से 81 रद कर दीं गई थीं और 20 शिकायतों में राहत मुहैया करवाई गई थी।
30 नवंबर 2017 को पेश की गई चौथी अंतरिम रिपोर्ट में 111 शिकायतों में से 81 रद कर दीं गई थीं और 30 शिकायतों में राहत मुहैया करवाई गई थी।