महिला की जान बचाने के लिए चार फुट बर्फ में जंग लड़ते हुए पहुंचाया एबुंलेंस तक

ख़बरें अभी तक। लाहुल-स्पीति: जनजातीय जिला के लोगों का दर्द वहीं के लोग ही जान सकते हैं। अपनों की जान बचाने के लिए बर्फ के ढेर कितने भी हो, तापमान माइनस डिग्री में क्यों न हो, जहां तक हिम्मत हो, वहां तक जी जान लगा देते हैं। जी हां बिलकुल, भोगौलिक व विकट परिस्थितियों में बर्फ से जंग लड़ते हुए लाहुल के शिका गांव के लोगों ने अचानक बीमार होने पर एक महिला को उपचार के लिए दारचा में एंबुलेंस तक पहुंचाया।

भले ही लाहुल-स्पीति में वाहनों के पहिए जाम हो गए हैं, लेकिन 108 आपातकालीन एबुंलेंस के पहिए बर्फ में भी मरीजों की जान बचाने के लिए दौड़ रहे हैं। जानकारी के अनुसार शुक्रवार को लाहुल के दारचा से कई किलोमीटर ऊपर सटे शिका गांव की 65 वर्षीय महिला रिंगचिन डोलमा अचानक बीमार हो गई। बताया जा रहा है कि महिला मरीज को यूरेन में ब्लड आया, जिससे उसकी हालत खराब हो गई।

गांव पूरी तरह से तीन-चार फुट बर्फ की आगोश में है। ऐसे में परिजनों ने गांव के लोगों की सहायता ली और महिला की जान बचाने के लिए गांव के लोगों ने बर्फ में तीन से चार घंटे पैदल चलकर स्टे्रचर के ऊपर बीमार महिला को उपचार करवाने के लिए लाया। कुछ ग्रामीणों ने पहले बर्फ के बीच रास्ता निकाला और कुछ ने महिला को बारी-बारी स्ट्रेचर के ऊपर उठाया। स्ट्रेचर और लाठी का सहारा लेकर ग्रामीणों द्वारा महिला को तीन-चार घंटे का पैदल सफर कर दारचा लाया गया।

वहीं, 108 एबुंलेंस भी समय पर वहां पहुंची थी। महिला मरीज को फार्मासिस्ट द्वारा फर्स्ट एड का उपचार देने के बाद दारचा से लेकर केलांग अस्पताल तक पहुंचाया गया, जहां महिला का उपचार चल रहा है। 108 आपातकालीन एबुंलेंस सेवा के प्रभारी आशीष ने बताया कि सूचना मिलते ही एबुंलेंस को दारचा भेजा गया था, जिसमें पायलट गोपाल और फार्मासिस्ट ललिता शामिल थे। उन्होंने कहा कि बर्फ में एबुंलेंस में दारचा से महिला मरीज को उपचार के लिए केलांग अस्पताल लाया गया।