चंडीगढ़ के 13 गांवों की कमर्शियल इमारतों पर लगेगा प्रॉपर्टी टैक्स

खबरें अभी तक। चंडीगढ़ के 13 गांवों की कमर्शियल इमारतों पर अप्रैल 2020 से प्रॉपर्टी टैक्स लगेगा। चंडीगढ़ प्रशासन ने प्रॉपर्टी टैक्स लगाने को लेकर अधिसूचना जारी कर दी है। चंडीगढ़ के गांव कैंबवाला, मौलीजागरां, दड़वा, रायपुर कलां, मक्खनमाजरा, रायपुर खुर्द, धनास, किशनगढ़, सारंगपुर, खुड्डा अलीशेर, खुड्डा जस्सू, खुड्डा लाहौरा और बहलाना के ग्रामीणों को उनकी कमर्शियल इमारतों पर 1 अप्रैल 2020 से टैक्स देना होगा। अधिसूचना के मुताबिक 13 गांवों की कमर्शियल इमारतों के मालिकों से 6.60 रुपये प्रति स्क्वेयर फीट के हिसाब से प्रॉपर्टी टैक्स चार्ज किया जाएगा।

चंडीगढ़ नगर निगम के टैक्स ब्रांच ने इन गांवों में बनी कमर्शियल इमारतों का सर्वे भी कर लिया है। हालांकि नगर निगम ने ग्रामीणों पर प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का प्रस्ताव सितंबर में गिरा दिया था, लेकिन चंडीगढ़ प्रशासन ने टैक्स लगाने की अधिसूचना जारी कर दी। सर्वे के मुताबिक हर गांव में 100 से ज्याद़ा कमर्शियल इमारतें हैं।

13 गांवों में प्रापर्टी टैक्स लगाए जाने पर राजनीति भी शुरू हो गई है। काग्रेंस केप्रदेशध्यक्ष प्रदीप छाबड़ा का कहना है कि वो प्रापर्टी टैक्स लगाए जाने के खिलाफ नहीं है, लेकिन पहले गांवों में विकास होना चाहिए। उन्होनें कहा कि केंद्र सरकार प्रशासन को पूरे फंडस नहीं दे रहा है, यहीं कारण है कि प्रशासन को ग्रामीणों पर प्रापर्टी टैक्स लगाकर कमाई करनी पड़ रही है। उन्होंने कहा कि चाहे प्रशासन हो या नगर निगम दोनों ही वित्तिय संकट से जूझ रहें हैं।

वहां चंडीगढ़ के मेयर और भाजपा नेता राजेश कुमार ने कहा कि काग्रेंस पार्टी झूठे आरोप लगाने बंद करें। उन्होनें कहा भाजपा के शासन में एक भी टैक्स नहीं लगाया गया और भाजपा इस प्रापर्टी टैक्स के भी खिलाफ है यही कारण है नगर निगम की हाऊस मीटिंग में भाजपा के पार्षदों ने प्रापर्टी टैक्स लगाने के प्रस्ताव को गिरा दिया था। मेयर राजेश ने कहा कि भाजपा पार्टी जल्द इस मामले को लेकर प्रशासक वीपी बदनोर से मुलाकात करेगी।

चंडीगढ़ नगर निगम के ज्यादातर पार्षद मानते हैं कि अभी तक इन गांवों की हालत नहीं सुधरी है। ऐसे में कैसे प्रापर्टी टैक्स लगा दिया जाए। गौरतलब है सितंबर में प्रशासन ने नगर निगम को प्रॉपर्टी टैक्स लगाने का फैसला लेने के लिए कहा था लेकिन नगर निगम ने प्रस्ताव खारिज कर दिया जिसके बाद अब प्रशासन ने प्रशासक वीपी सिंह बदनौर की मंजूरी लेने के बाद प्रॉपर्टी टैक्स गांववालों पर लगा दिया।

वहीं प्रशासक के सलाहकार मनोज पारिदा ने कहा कि यह निर्णय निर्णय ज़रूर लिया है लेकिन जनता द्वारा चुने हुए नुमानियदे अंतिम फ़ैसले लेंगे । लेकिन अभी तो टैक्स लगाया है वो केवल कमेर्शियल प्रॉपर्टी पर है जिसे देने में कोई ज़्यादा परेशानी नहीं होनी चाहिए ।

ज्ञात रहे 13 गांव इस साल प्रशासन ने नगर निगम को ट्रांसफर किए थे। जबकि अभी तक इन गांवों में नगर निगम की ओर से कोई ज्यादा विकास नहीं किया गया है, लेकिन अब यहां पर प्रॉपर्टी टैक्स लगा दिया गया है। ग्रामीणों का कहना है कि विकास के नाम पर गांवों में कोई काम नहीं हुआ न गांवों में सफाई है, न 24 घंटे पानी और न बिजली की सुविधा है और तो और सड़कों में गड्ढे पड़े हुंए हैं, तथा पार्किंग के लिए कोई जगह निर्धारित नहीं की गईं है। गांव वासियों ने कहा ऐसे में पहले प्रशासन और निगम गांवों का विकास करें उसके बाद प्रॉपर्टी टैक्स लगाए। अभी टैक्स लगाना जायज़ नहीं है ये सरासर ग्रामीणों के ऊपर बोझ डाला जा रहा है।