उन्नाव रेप केस में कोर्ट ने तेजी से सुनाया फैसला, सेंगर अब ता-उम्र जेल के भीतर बंद

ख़बरें अभी तक। उन्नाव रेप केस में तेजी से कार्यवाही करते हुए तीस हजारी कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. उन्नाव रेप मामले में यूपी के विधायक कुलदीप सेंगर को उम्र कैद की सजा सुनाई है. बता दें कि यह वहीं उन्नाव रेप केस है जिसने पूरे देश को झझकोर कर रख दिया था. इस रेप केस है जिसमें शुरुआत में यूपी सरकार अपने विधायक को गिरफ्तार करना तो दूर उससे पूछताछ तक करने को राज़ी नहीं थी.अदालत ने बलात्कार के आरोपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर को मुजरिम करार देते हुए उम्र क़ैद की सज़ा सुनाई. इसके अलावा अदालत कुलदीप सिंह सेंगर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाती है, जो उन्हें एक महीने के अंदर जमा कराना होगा. साथ ही अदालत ने आदेश दिया कि बलात्कार पीडिता को दस लाख रुपये का अतिरिक्त मुआवजा दिया जाए जो उनकी मां को मिलेगा. कोर्ट ने सरकार को आदेश दिए है कि अगले एक साल तक पीड़िता के परिवार को दिल्ली में किराए पर आवास में शिफ्ट कर हर महीने 15 हजार देना सुनिश्चित करें. पीड़िता और उसका परिवार सुरक्षा के मद्देनज़र दिल्ली महिला आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए किराए के घर में एक साल तक दिल्ली में रहेगा.

क्या था पूरा मामला….

मामला 2017 का है जब रेप पीड़िता नौकरी के लिए विधायक कुलदीप सेंगर के घर जाती है. इसके बाद नाबालिक रेप पीड़िता ने आरोप लगाया कि इस दौरान उसके साथ विधायक सेंगर ने गैंगरेप किया .मामला काफी समय तक दबा रहा. मामले में कोई भी कार्रवाई न होने के बाद पीड़िता ने सीएम योगी के घर के बाहर आत्मदाह करने की कोशिश की जिसके बाद इस मामले ने तूल पकड़ा. इसके बाद साल 2018 में  पीड़ित नाबालिग लड़की ने उन्नाव के बांगरमऊ से बीजेपी विधायक रहे कुलदीप सिंह सेंगर और उसके साथियों पर गैंगरेप का आरोप लगाया. जब आरोपियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई तो इसी बीच पीड़िता अचानक से गायब हो गई. परिवार वालों ने लड़की की गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. इसके बाद पीड़िता को 9 दिनों बाद औरया जिले के एक गांव से बरामद किया गया जहां से उसे वापस उन्नाव लाया गया. कोर्ट में पेशी के बाद पुलिस ने उसका बयान दर्ज किया.  पीड़ित लड़की के पिता ही उसका केस लड़ रहे थे. लड़की के पिता की मौत अप्रैल 2018 में जेल में हो गई और इसका आरोप सेंगर के भाई पर लगा. लड़की के पिता पर आर्म्स एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया था. सीबीआई ने पीड़िता के पिता की हिरासत में मौत के मामले में दो पुलिस अधिकारियों को गिरफ्तार भी किया था. 21 मई 2018 को पीड़िता के पिता को आर्म्स ऐक्ट के झूठे केस में फंसाने में सेंगर की संलिप्तता के सबूत भी मिले. वहीं, इस हमले के चश्मदीद गवाह की अगस्त 2018 में संदेहास्पद हालत में मौत हो गई थी.