ताजपुर के विजय की अनोखी पहल, नौकरी छोड़ खेती का अपनाया व्यवसाय

ख़बरें अभी तक। पानीपत: आज देश का युवा जहां शहर की चकाचौंध नौकरी करने के लिए भाग रहा है और एयर कंडीशन में बैठकर काम करना पसंद करता है, वहीं पानीपत जिले के छोटे से गांव ताजपुर का इंजीनियर युवा छात्र अपनी 5 साल की नौकरी छोड़ अपने गांव की जमीन से लगाव व् उससे जुड़े रहने की इच्छा और लोगों को शुद्ध खाने की चीज उपलब्ध करवाने की साफ नीयत को लेकर अपने पिता द्वारा सेवा भाव से शुरू की ऑर्गेनिक खेती की मुहिम में देने लगा साथ। देश के लाखों युवा अगर यह सोच ले तो पूरे देश को जहर मुक्त या मिलावटी खाने से बचाया जा सकता हैं।

इलेक्ट्रॉनिक्स में इंजीनियर कर चंडीगढ़ व् गुरुग्राम में वैब डेवलपर के पद पर 5 साल तक काम करने बाद वापिस अपने गांव आया विजय अपने पिता के साथ ऑर्गेनिक खेती करने लगा। विजय ने बताया की में भी एयर कंडीशन में बैठकर वेब डेवलपर की नौकरी कर सकता था, लेकिन पिता द्वारा  सेवा भाव से शुरू की ऑर्गेनिक खेती की मुहीम में उनका साथ देना शुरू किया।

उन्होंने कहा कि गांव की जमीन से लगाव व् लोगों को शुद्ध खाने की चीज उपलब्ध करवाने की इच्छा से नौकरी छोड़ी। उनका कहना है कि आजकल खाने में प्योरटी नहीं है भारत में 90 प्रतिशत मिलावट की चीजें मिलती हैं। उनका कहना पापा ने यह मुहिम एक सेवा भाव से शुरू की थी। पापा की इस मुहीम में साथ देने से गांव की जमीन से जुड़ाव भी मिलता हैं। उन्होंने कहा कि जो संतुष्टि इस काम में मिलती है वह किसी और काम में नहीं मिलती हैं।

विजय के पापा महल सिंह ने बताया कि आर्मी से पदमुक्त होने के बाद जहर मुक्त खेती देने की सोच ने 8 साल पहले इस मुहीम को शुरू किया था। गुड़ का शौकीन था इसलिए इस शौकीन ने मुझे गुड़ की ऑर्गेनिक खेती शुरू की। आज हम जहर मुक्त गुड़ ,शक्कर व् खांड बनाते हैं। उन्होंने कहा की हरियाणा में शायद ही कोई ऐसी जहर मुक्त शक्कर, गुड़ व् खांड बनाता हो। हरियाणा, यूपी पंजाब उत्तर प्रदेश और देश के अन्य राज्यों के साथ-साथ विदेशों से भी लोग गुडव् शक़्कर लेने आते हैं।

उनके पास आस्ट्रेलिया,दुबई ,फ्रांस ,अमरीका व् जर्मनी से भी लोग यहां आ जाते हैं। उन्होंने बताया की मेरी देखा देखी और दूसरे किसान भी प्रेरित होकर काम करना शुरू कर दिया हैं। मौके पर पहुंचे गुड़ लेने आए ग्राहक शमशेर व् सुभाष ने कहा कि फौजी की प्रशंसा सुनी थी इनका गुड़ खाकर देखा तो बहुत स्वाद लगा पिछले 2 साल से चाय में चीनी डालनी छोड़कर गुड़ की चाय पीनी शुरू कर दी हैं।