ओवैसी ने नागरिकता कानून को लेकर सरकार को बोले तीखे बोल,कही ऐसी-ऐसी बात

खबरें अभी तक। नागरिकता कानून और NRC के विरोध में AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने हैदराबाद के दारुस्सलाम में रैली की। इस रैली में कई मुस्लिम नेताओं समेत हैदराबाद के अलग अलग इलाकों से आए लोग शामिल हुए। वहीं रैली के दौरान ओवैसी नागरिकता कानून को लेकर जमकर केन्द्र सरकार पर निशाना साधा। ओवैसी ने कानून को मुसलमान विरोधी बताते हुए इससे धार्मिक अल्पसंख्यक शब्द हटाने की मांग की।

ओवैसी कहते है कि हर मुस्लिम आतंकवादी नहीं होता। मुसलमान वो हैं जिन्होंने भारत के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। ओवैसी ने पीएम मोदी और अमित शाह पर भी जमकर हमला बोला। उन्होंने आगे कहा कि सरकार मुसलमानों को दोयम दर्जे का नागरिक बनाने की नहीं बल्कि देश से बाहर निकालने की साजिश में लगे है।

इतना ही नही बल्कि ओवैसी ने नागरिकता कानून को काला कानून बताते हुए कहा, ”जो भी एनआरसी और सीएए के खिलाफ हैं, वे अपने घर के बाहर तिरंगा लहराएं। इससे बीजेपी को एक संदेश जाएगा कि उन्होंने एक गलत और काला कानून बना दिया है।” उन्होंने कहा, ”हिंसा हरगिज नहीं होनी चाहिए। कोई आपको छेड़े तब भी नहीं होना चाहिए। हिंसा हुई तो किस्सा खत्म हो जाएगा।”

उन्होंने आगे कहा, ”असम में एनआरसी लागू होने के बाद जो लोग इस लिस्ट से बाहर हुए हैं उनके साथ सरकार क्या करेगी। सरकार बताए कि उन लोगों को लेकर क्या रुख है। असम के एक मंत्री कहते हैं कि मुसलमानों को बाहर निकाल देंगे और हिंदुओं को नागरिकता देंगे। अफवाह खुद सरकार फैला रही है।”

ओवैसी ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में दी है चुनौती- एआईएमआईएम प्रमुख सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने सीएए को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है। उन्होंने सीएए व एनआरसी के बीच सांठगांठ की बात भी कही है। ओवैसी की मानें तो  एनआरसी का उद्देश्य भारत में रहने वाले अवैध प्रवासियों की पहचान करना है। उन्होंने शीर्ष अदालत से सीएए-एनआरसी सांठगांठ से पर्दा उठाने का आग्रह किया, जो संविधान के अनुच्छेद-21 के तहत हर व्यक्ति को जीवन और व्यक्तिगत स्वतंत्रता के अधिकार में बाधा बन सकता है।