चंडीगढ़ : केंद्रीय गृह मंत्रालय ने एक अधिसूचना की जारी

खबरें अभी तक। हरियाणा राज्य द्वारा वर्ष 2014 में स्नैचिंग के अपराध पर नकेल कसने के लिए बनाए गए कानून के सीआरपीसी (हरियाणा संशोधन) अधिनियम 2014 को चंडीगढ़ में लागू कर दिया। अब से स्नैचर पर धारा 379बी और ए लगेगी। 379बी में कम से कम 10 साल तो 379ए में कम से कम 5 साल की सजा का प्रावधान है। इसके अलावा 25 हजार का जुर्माने का भी प्रावधान है। स्नैचिंग केसों की सुनवाई भी अब सेशन कोर्ट में की जाएगी।

केंद्रीय गृह मंत्रालय की इस अधिसूचना के बाद से अब चंडीगढ़ में भी हरियाणा का स्नैचिंग कानून पूर्ण रूप से लागू हो गया है। पहले मई 2019 में केंद्रीय गृह मंत्रालय की तरफ से सिर्फ आईपीसी (हरियाणा संशोधन) अधिनियम 2014 को चंडीगढ़ में लागू किया गया था। चंडीगढ़ प्रशासन ने सीआरपीसी को लागू करने के लिए प्रस्ताव नहीं भेजा, जिसकी वजह से केंद्रीय सरकार की तरफ से अधूरा कानून ही लागू किया गया।

यूटी प्र्रशासन की इस भूल का फायदा उन स्नैचरों को हुआ है, जो मई 2019 और 16 दिसंबर के बीच गिरफ्तार किए गए है। क्योंकि अधूरे कानून की अधिसूचना की वजह से बीते साढ़े 6 महीने में गिरफ्तार किए गए स्नैचरों पर धारा 356 और 379 लगाई गई। जिसके तहत दोषी को अधिक से अधिक तीन साल की सजा का ही प्रावधान है। अगर पहले ही केंद्र सरकार की तरफ से आईपीसी और सीआरपीसी (हरियाणा संशोधन) अधिनियम 2014 को चंडीगढ़ में लागू कर दिया जाता तो पकड़े गए स्नैचरों पर धारा 379बी और ए लगाई जाती।