भारी बर्फबारी से कमरूनाग व पराशर झील जमीं, जनजीवन अस्त व्यस्त

ख़बरें अभी तक। प्रदेश में भारी बर्फबारी से कमरूनाग व पराशर झील जम गई हैं। इन झीलों का नजारा देखकर हर कोई आकर्षित हो रहा है। हालांकि यहां जाने के लिए पर्यटकों को अभी मनाही है। वर्तमान में यहां जाना जान जोखिम में डालना हो सकता है। कमरूनाग व पराशर झील में करीब एक फुट से अधिक ताजा हिमपात दर्ज किया गया है। वहीं, जंजैहली घाटी में छह इंच से एक फुट तक ताजा हिमपात हुआ है। बेशक इस बर्फबारी से बागवान गदगद हैं, लेकिन यह बर्फबारी दुश्वारियां साथ लेकर आई हैं।

मंडी जिला के उपरी कई इलाकों में भारी बर्फबारी से सड़क, पानी व बिजली सेवाएं बाधित हो गई हैं। जिन्हें सुचारू करने के लिए प्रशासनिक अमला सक्रिय हो गया है। बीते दो दिनों तक जारी रहा बर्फबारी के दौर से सेवाएं सुचारू करने में विभागीय टीमों को दिक्कतें पेश आईं। शनिवार को मौसम खुलने पर टीमों ने युद्ध स्तर पर अपना काम शुरू किया। उम्मीद जताई जा रही है कि देर शाम तक कई इलाकों में बिजली, सड़क व पानी सेवाएं पूरी तरह से चालू हो सकती हैं। बागवान मनसा राम ने बताया कि बीते तीन वर्षों से बर्फबारी से अच्छी व सही समय पर हो रही है। जिससे फसल भी अच्छी होन की उम्मीद है।

उन्होंने कहा कि दिसंबर माह में हो रही बर्फबारी से खेतों में चूहे की समस्या भी खत्म हो जाती है। जबकि घास आदि भी अच्छा होता है। उन्होंने बताया कि यह बर्फबारी फसलों के लिए किसी संजीवनी से कम नहीं है। यह भी सच है कि बर्फबारी दुश्वारियां लेकर भी आती है, लेकिन बागवानों के लिए बर्फबारी बेहद जरूरी है। ताकि फसल अच्छी हो सके। उन्होंने बताया कि बर्फबारी अच्छी होने से पानी की कमी भी नहीं होती है।