फ़ास्ट टैग लेने के लिए हर टोल पर अलग-अलग मांगे जा रहे है पैसे

ख़बरें अभी तक। 15 दिसंबर से हर टोल पर चार पहिया व उससे बड़े वाहनों पर फास्ट टैग अनिवार्य होगा। शुरुआत में फास्ट टैग की किल्लत रही लेकिन, अब जब फास्ट टैग हैं तो लगवाने वाले कम निकल रहे हैं। ऐसा लोगों में जानकारी और जागरूकता की कमी के कारण है। जिससे 15 दिसंबर के बाद बिना फास्ट टैग वाले वाहन मालिकों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

केंद्र सरकार की ओर से हाईवे पर बनाए गए टोल प्लाजा को आधुनिक बनाया जा रहा है। अधिकांश टोल प्लाजा में इलेक्ट्रानिक सिस्टम लगा लिया है। ऐसे में वाहन फास्टटैग के जरिए टोल का भुगतान कर बिना रूके निकल जाते हैं, लेकिन अधिकांश वाहनों में फास्टटैग की सुविधा नहीं है। खासकर,पुराने वाहनों द्वारा टोल का नकद भुगतान ही किया जाता है।

इससे टोल प्लाजा पर जाम की स्थिति बन जाती है, जिससे लोगों को दिक्कतें होती हैं। ऐसे में सरकार ने सभी तरह के चार पहिया व उससे बड़े वाहनों में फास्टटैग अनिवार्य कर दिया गया है। हालांकि बात करे अजिजपुर टोल प्लाज़ा की वहां पर देखा गया कि छोटे वाहनो से ज़्यादा बड़े वाहनो ने फ़ास्ट टैग लगा लिया है। लेकिन स्कैनर नीचे है और बड़े वहां होने के कारण टोल कर्मी को हाथ में स्कैनर लेकर फ़ास्ट टैग कार्ड को स्कैन करना पड़ रहा है।

लोग पहुंच तो रहे है टोल पर फ़ास्ट टैग लेने लेकिन संख्या कम है। दिक़्क़त यह भी है कि जहां कहा यह जाता है की 6-8 मिनट की प्रक्रिया है लेकिन लोगों को घंटो हो रहे है, क्यूंकि paytm ,ICICI,AIRTEL जो एजेन्सी है उनके otp आने में लम्बा समय लग रहा है। वहीं इसके लिए पैसे भी हर टोल पर अलग अलग मांगे जा रहे है। कम से कम इसको तो साफ़ करे की कितने पैसे देने है।

आपको बता दें कि फास्ट टैग पेट्रोल पंप, स्टेट बैंक, एचडीएफसी बैंक, सीएसएसी व टोल कार्यालय पर लगवाए जा सकते हैं। शुरुआत में वाहन मालिकों को फास्ट टैग उपलब्धता में दिक्कत हुई, जिससे टोल कार्यालय पर लोगों की भीड़ लग गई लेकिन, अब बैंक से लेकर सीएससी तक फास्ट टैग उपलब्ध हैं, इसके बावजूद इसे लगवाने के लिए लोगों में जागरूकता नजर नहीं आ रही। शहर में रोजाना औसतन 20 से 25 लोगों के आवेदन फास्ट टैग के लिए आ रहे हैं जबकि वाहनों की संख्या लाखों में है।