आपकी गाड़ी का चालान हो गया और जेब में नगद पैसा नहीं है तो पुलिस करेगी आपकी मदद

खबरें अभी तक। अब हर दिन अपनी गाड़ी को लेकर सैर पर निकलने वालों के लिए यह खबर बेहद खास है. आपकी गाड़ी का चालान हो गया और जेब में नगद पैसा नहीं है तो कोई बात नहीं।आप प्लास्टिक मनी या ई- वालेट से चालान की राशि का भुगतान कर सकते हैं। ट्रैफिक पुलिस ने इसकी शुरुआत की है। इसके लिए विशेष मोबाइल एप्लीकेशन (एप) ‘यूपी पुलिस ट्रैफिक’ एप तैयार किया गया है।

इसके जरिये न सिर्फ यातायात नियमों का उल्लंघन करने पर जुर्माना भरा जा सकेगा बल्कि पुलिस के पास वाहन चालक का पूरा इतिहास सामने होगा कि कितनी बार उसकी गाड़ी का चालान किया गया है।
रविवार को डीजीपी ओम प्रकाश सिंह द्वारा की गई यातायात पुलिस की समीक्षा के दौरान इस एप के बारे में अधिकारियों ने बताया।

फिलहाल इसे प्रदेश के तीन शहरों में लागू किया जा रहा है। इसमें लखनऊ, गाजियाबाद और नोएडा शामिल है। हालांकि, यह एप पिछली अखिलेश सरकार में ही बन गया था लेकिन चुनाव आचार संहिता लागू हो जाने से इसकी शुरुआत नहीं की जा सकी थी।इस एप में क्या कमियां हैं और सुधार की क्या गुंजाइश है, इसके लिए एसटीएफ के एसएसपी अभिषेक सिंह को जिम्मेदारी दी गई है। पायलट प्रोजेक्ट के दौरान आने वाली परेशानियों का समाधान निकालने के बाद इसे पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा। इसके माध्यम से गाड़ी का चालान होने पर निर्धारित जुर्माने की राशि का भुगतान डेबिट कार्ड, क्रेडिट कार्ड और ई- वालेट से किया जा सकेगा।यह एप आम लोग भी डाउनलोड कर यातायात संबंधी शिकायत कर सकते हैं। इसके लिए इसे डाउनलोड करके उस पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। रजिस्ट्रेशन के लिए ड्राइविंग लाइसेंस और गाड़ी का नंबर भी दर्ज करना होगा। अगर गाड़ी या डीएल नहीं है तो भी इस एप का इस्तेमाल किया जा सकता है। इसमें वरिष्ठ नागरिकों के लिए भी विकल्प दिया गया है।

रिपोर्ट ट्रैफिक वायलेशन के विकल्प पर क्लिक करके पांच सेकेंड का वीडियो या फोटो अपलोड की जा सकती है। लोकेशन पर आधारित यह एप बता देगा कि फोटो किस जगह खींची गई है और किसने भेजी है। यातायात पुलिस के अधिकारी सत्यता की जांच करते हुए उस पर कार्रवाई करेंगे।

गाड़ी नंबर दर्ज करते ही सामने होगी वाहन स्वामी की डिटेल-
पुलिस प्रवक्ता राहुल श्रीवास्तव बताते हैं कि इस एप को परिवहन विभाग से भी लिंक कराया गया है जिससे गाड़ी का नंबर डालते ही वाहन स्वामी की पूरी डिटेल सामने आ जाती है। डाटा बेस में अगर वाहन स्वामी का मोबाइल नंबर उपलब्ध है तो एप के माध्यम से चालान कटते ही इसकी जानकारी वाहन स्वामी को हो जाएगी। चालान का भुगतान करने के बाद मोबाइल पर संदेश पहुंचेगा।