गोल्ड मेडललिस्ट स्वप्ना बर्मन को सता रही परिवार की चिंता, नहीं है कोई नौकरी

ख़बरें अभी तक। भारत को पहली बार हेप्टाथलॉन में गोल्ड मेडल जिताने वाली स्वप्ना बर्मन इन दिनों एक बड़ी टेंशन में हो, दरअसल स्वप्ना बर्मन को नौकरी की तलाश है जिस कारण उन्हें चिंता हो रही है कि वो अपने परिवार का पेट कैसे पालेगी। स्वप्ना के पिता जलपाईगुड़ी में रिक्शा चलाते हैं। बूढ़ी मां चाय के बागान में काम करती है। स्वप्ना ने एशियन गेम्स 2018 में भारत के लिए ऐतिहासिक गोल्ड मेडल जीता लेकिन उन्हें कहीं नौकरी नहीं मिली।

यही वजह है कि अब भारत की ये एथलीट नौकरी की मांग कर रही है जिसके लिए उन्होंने खेल मंत्री किरेन रिजिजू को खत लिखा है। स्वप्ना बर्मन को भारत की सबसे बड़ी तेल और नेचुरल गैस कंपनी ओएनजीसी से स्कॉलरशिप मिलती है और अब उसकी अवधि खत्म होने वाली है। ऐसे में उन्हें अपने परिवार के पालन-पोषण की चिंता सताने लगी है जिस वजह से स्वप्ना ने खेल मंत्री को खत लिखा है।

बता दें कि गोल्ड मेडल जीतने के बाद कोलकाता की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने स्वप्ना को जमीन देने का वादा किया था लेकिन वो अबतक पूरा नहीं हो पाया है। ऐसे में अगर किरेन रिजिजू इस एथलीट की मदद करते हैं तो उसकी बड़ी समस्या हल हो जाएगी।