सिरमौर जिले के सबसे ऊंचे शिखर व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में बर्फबारी शुरु

ख़बरें अभी तक। सिरमौर जिले के सबसे ऊंचे शिखर व प्रसिद्ध धार्मिक स्थल चूड़धार में मंगलवार दोपहर बाद से फिर बर्फबारी शुरू हुई है। जिले के निचले क्षेत्रों में हल्की बारिश शुरू हुई है। चूड़धार में इस सीजन का यह तीसरा हिमपात है। इससे पहले 8 नवंबर व 23 नवंबर को चूड़धार में बर्फबारी हुई थी।

चूड़धार समेत पूरे गिरिपार क्षेत्र में पिछले तीन दिनों से आसमान में बादलों ने डेरा डाला हुआ था। चूड़धार में सुबह से ही तेज हवाएं चल रही थी जिसके कारण तापमान में भारी गिरवाट आ गई थी। दोपहर बाद बर्फबारी शुरु होने के बाद समूचा गिरिपार क्षेत्र शीत लहर की चपेट में आ गया है।

अगले दो दिनों तक क्षेत्र में बारिश व बर्फबारी की संभावना

चूड़धार का अधिकमत तापमान 4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया जबकि न्यूनतम तापमान माइनस 2 डिग्री सैल्सियस तक पहुंच गया है। मंगलवार को हरिपुरधार व नौहराधार का अधिकतम तापमान 11 डिग्री सैल्सियस दर्ज किया गया। रात का तापमान 2 डिग्री सैल्सियत तक पहुंचने का अनुमान है। खबर लिखे जाने तक चूड़धार में 3 से 8 सेमी तक ताजा हिमपात हो चुका था। मौसम विभाग ने अगले दो दिनों तक क्षेत्र में बारिश व बर्फबारी की संभावना जताई है।

चूड़धार में पाइपे जाम होने से पेयजल संकट

तापमान में आई भारी गिरावट के कारण चूड़धार को सप्लाई होने वाली पानी की पाइप लाइनें बर्फ से जाम हो गई है। चूड़धार में मंदिर के समीप बनी पानी की बाउड़ी भी जाम हो गई है। पिछले तीन चार दिनों से चूड़धार में पीने के पानी का गंभीर संकट पैदा हो गया है। चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक बाबुराम शर्मा ने बताया कि चूड़धार में तीन दिनों से बिजली भी नहीं है जिससे लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।

चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं से अपील, यात्री चूड़धार न आए

चूड़धार यात्रा पर आमतौर पर हर वर्ष 30 नंवबर के बाद 1 मई तक प्रशासन की ओर से रोक लगाई जाती है। इस बार खराब मौसम को देखते हुए प्रशासन ने चूड़धार यात्रा पर 23 नंवबर को सात दिन पहले ही रोक लगा दी है। यात्रा पर रोक लगने के बाद भी यात्री चूड़धार पहुंच रहे है। चूड़ेश्वर सेवा समिति की ओर से श्रद्धालुओं से अपील की गई है कि मौसम विभाग ने 26 से 28 नंवबर तक चूड़धार में भारी बर्फबारी की चेतावनी दे रखी है इसलिए यात्री चूड़धार न आए। 30 नंवबर के बाद चूड़ेश्वर सेवा समिति के प्रबंधक, मंदिर के पुजारी व सारा स्टाफ अपने घर चले जाएंगे।