विरासत-ए-खालसा वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स की सूची में शामिल, बना वर्ल्ड में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला म्यूजियम

ख़बरें अभी तक। पंजाब सरकार की तरफ से श्री आनंदपुर साहिब में स्थापित किए आधुनिक अजायबघर विरासत-ए-खालसा मैं रोजाना सबसे ज्यादा सैलानियों की आमद की वजह से इसका नाम वर्ल्ड बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में शामिल हो गया है। इससे पहले भी विरासत-ए-खालसा को चार अवार्ड मिल चुके हैं। जिनमें लिम्का बुक आफ रिकार्ड, एशिया बुक आफ रिकॉर्ड, इंडिया बुक आफ रिकॉर्ड अवार्ड शामिल हैं। 20 मार्च 2019 को 20569 दर्शकों की रिकॉर्ड तोड़ आमद देखने को मिली।

विश्व प्रसिद्ध विरासत-ए-खालसा जिसमें सिख कौम का 550 साल का इतिहास और पंजाब का इतिहास दरसाया गया है। जिसे देखने के लिए रोज़ाना भारी तादात में देश से ही नहीं विदेशों से भी सैलानी पहुंचते हैं।

पंजाब सरकार की तरफ से सिख पंथ की जन्म भूमि श्री आनंदपुर साहिब में स्थापित किए गए अत्याधुनिक अजायब घर विरासत-ए-खालसा में रोजाना सबसे ज्यादा सैलानियों कि आमद के चलते वर्ल्ड बुक आफ रिकॉर्ड्स में दर्ज हो गया है। वर्ल्ड बुक के वफद की तरफ से टूरिज्म और सभ्या चारक मंत्री चरणजीत सिंह चन्नी को सर्टिफकैट देकर सम्मानित किया गया।

आपको बता दें विरासत-ए-खालसा का यह चौथा पुरस्कार है। इससे पहले विरासत-ए-खालसा को लिम्का बुक आग रिकार्ड , एशिया बुक आफ रिकार्ड , और विश्व स्तरीय वेबसाईट की तरफ से सर्टिफिकेट आफ एक्सीलेंस का सम्मान मिल चुका है। विरासत-ए-खालसा का उद्धघाटन 25 नवंबर 2011 और 25 नवंबर 2016 को दो पड़ाव में किया गया था। आठ साल के दौरान इसे 1.7 करोड़ सैलानी इसे देख चुके हैं। विरासत-ए-खालसा से जहां एक ओर टूरिज्म भी बढ़ा है वहीं इस इलाके में कारोबार भी काफी बढ़ा है।

विरासत-ए-खालसा में अब तक 1.7 करोड़ से ज्यादा सैलानी सिख कौम का गौरवमई इतिहास देख चुके हैं। जिसमें मुख्य तौर पर कनाडा के प्रधानमंत्री मॉरीशस के राष्ट्रपति और कई राज्यों के राज्यपाल मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री और अलग-अलग देशों के मेंबर पार्लियामेंट और राजदूत इत्यादि विरासत-ए-खालसा म्यूजियम का दौरा कर चुके हैं।