देवभूमि को दहला देने वाले कोटखाई गुड़िया रेप, मर्डर मामले में आया नया मोड़

ख़बरें अभी तक। चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत में फोरेंसिक विशेषज्ञों के बयानों से सीबीआई की थ्योरी को कटघरे में खड़ा किया गया। सीबीआई ने मामले पर लंबे अरसे तक जांच के बाद जघन्य अपराध में केवल एक व्यक्ति के शामिल होने की रिपोर्ट देकर केस को सुलझाने का दावा किया था।

शिमला के कोटखाई के दांदी जंगल में जुलाई 2017 को हुए जघन्य गुड़िया दुष्कर्म और हत्या मामला एक बार फिर चर्चा में है। चंडीगढ़ की सीबीआई कोर्ट में फोरेंसिक विशेषज्ञों ने रिपोर्ट और बयान के इस मामले में सीबीआई की जांच पर सवाल खड़े कर दिए है। फोरेंसिक एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस मामले में एक से ज्यादा लोग होने की आशंका है।

जबकि सीबीआई ने अपनी जांच में गुड़िया रेप मर्डर में केवल एक व्यक्ति की संलिप्तता की बात करते हुए उसी को असली आरोपी बताते हुए उसे गिरफ्तार कर मामले को सुलझाने का दावा किया था। इस तरह करीब दो साल तक जांच के बाद एक चिरानी को गिरफ्तार कर सीबीआई मामले को सुलझा चुकी है। चंडीगढ़ में सीबीआई कोर्ट में विशेषज्ञों के इस बयान से अब सीबीआई जांच कठघरे में है।

चंडीगढ़ की सीबीआई अदालत में फोरेंसिक विशेषज्ञों ने गुड़िया मर्डर मामले की जांच में क्रॉस एग्जेमिनेशन के दौरान खुलासा किया कि इस अपराध में एक नहीं बल्कि एक से अधिक लोगों का हाथ हो सकता है। कोर्ट में जब इनसे सवाल किया गया कि क्या रिपोर्ट में अपराध को एक से अधिक लोगों ने अंजाम देने वाले तथ्य पर आप अपना पक्ष सही मानते है तो एक्सपर्ट ने इस पर अपनी हामी भरी, यानी इस जघन्य अपराध को अंजाम देने में अपराधी एकेला नहीं बल्कि एक से अधिक थे।

गुड़िया मामले में नया घटनाक्रम सामने आने के बाद मदद सेवा ट्रस्ट की अध्यक्ष तनुजा थापटा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर हस्तक्षेप करने की मांग की है। सीबीआई जांच पर सवाल खड़ा करते हुए मद्दत सेवा ट्रस्ट के सचिव विकास थापटा ने पीएम को चिट्ठी लिखकर मामले की नए सिरे से जांच करवाएं जाने की मांग की है। थापटा ने सीबीआई की जांच पर संदेश की बात करते हुए सीबीआई पर जांच में निष्पक्ष नहीं होने के आरोप लगाये और अब इसकी जांच हाईकोर्ट के सेवानिवृत्त या सेवारत जज से करवाये जाने की मांग की है।

खबरें अभी तक के साथ बात करते हुए थापटा ने कहा कि पीएमओ को पहले भी इस बारे में पत्र भेजा जा चुका है कि यह अधूरी जांच की गई है। अब नए खुलासे के बाद मामले की न्यायिक जांच  की जाए। किसी जज की अध्यक्षता में टीम हिमाचल भेजी जाए। इस तमाम प्रकरण की छानबीन कर गुड़िया को न्याय दिलाया जाए।

बता दें कि दसवीं कक्षा की नाबालिग छात्रा गुड़िया (काल्पनिक नाम) अपने स्कूल से 4 जुलाई 2017 को करीब साढ़े चार बजे घर को निकली, लेकिन वह घर नहीं पहुंची। उसका मृत शरीर निर्वस्त्र अवस्था में 6 जुलाई को हलाइला के पास जंगल में पाया गया। प्रदेश में इस मामले पर बड़ा बवाल हुआ और लोगों के सड़कों पर उतरने के बाद इसकी जांच सीबीआई की दिल्ली से आई विशेष अपराध शाखा को सौंपी गई थी।

सीबीआई ने इस मामले में एक मज़दूर चिरानी को अपराधी बताते हुए कोर्ट में चालान पेश किया था। इसी मामले से जुड़े पुलिस हिरासत में हुए सूरज हत्याकांड में आईजी, एसपी समेत कई पुलिस अधिकारी और कर्मचारी गिरफ्तार हो चुके हैं। जबकि विधानसभा चुनाव से ठीक पहले तत्कालीन सत्ताधारी कांग्रेस सरकार के खिलाफ गुड़िया मामला एक बहुत बड़ा मुद्दा बना था और सरकार के खिलाफ शिमला ही नहीं प्रदेश भर में लोगों ने कई दिनों तक आंदोलन कर नाराज़गी जाहिर की थी। लेकिन मामले में अब नए खुलासे के बाद गुड़िया एक बार फिर प्रदेश में मासूम को न्याय दिलाने के लिए मद्दत सेवा ट्रस्ट आगे आगे आया है।