भिवानी: ‘किसानों की तरह पशुपालकों के भी बनाएं जाएंगे KCC कार्ड’

ख़बरें अभी तक। कृषि मंत्री जेपी दलाल ने घोषणा की है कि अब किसानों की तर्ज पर पशुपालकों के भी केसीसी कार्ड बनाए जाएंगे। कृषि मंत्री बनने के बाद पहली बार भिवानी पहुंचे दलाल ने कहा कि कर्ज माफी कोई समाधान नहीं, हम ऐसी योजनाएं बनाएंगे कि किसान कर्जवान ही ना बने। साथ ही कहा कि किसानों की आमदनी दोगुना करना और उन्हे प्राकृतिक खेती की तरफ ले जाना लक्ष्य है। कृषि मंत्री जेपी दलाल पहली बार लोहारू से विधायक बने थे। कृषि मंत्री बनने के बाद वो पहली बार भिवानी अपने आवास पर पहुंचे। इस अवसर पर कार्यकर्ताओं ने उनका गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।

जेपी दलाल के कृषि मंत्री बनने पर उनके समर्थकों में काफी जोश था। हर कोई अपने नेता का फूलों व मिठाई से स्वागत कर रहा था और सेल्फी लेनी की होड़ मची हुई थी। दलाल ने भी अपने समर्थकों के इस प्यार पर आभार जताया और मंत्री बनाने पर सीएम व राष्ट्रीय नेताओं का आभार जताया। इस अवसर पर मीडिया से रूबरू हुए कृषि मंत्री जेपी दलाल ने कहा कि हम पीएम मोदी के किसानों की आमदनी 2022 तक दोगुनी करने के लक्ष्य को पूरा करने के लिए काम करेंगें। उन्होंने जेजेपी द्वारा किसानों के कर्ज माफी के वादे पर कहा कि कर्ज माफी कोई समाधान नहीं। हम ऐसी योजना बनाएंगे कि किसानी घाटे का सौदा ना होकर लाभ का सौदा हो।

किसान कर्जवान ना हो और वो पहले की तरह दाता बने। इसके लिए किसानों को सस्ते व अच्छे खाद-बिज उपल्बध करवाए जाएंगे और नकली दवाओं पर रोक लगाई जाएगी। उन्होने कहा कि किसानों को प्राकृतिक खेती की तरफ ले जाना प्राथमिकता रहेगी। साथ ही दलाल ने दावा किया कि जल्द ही किसानों की तर्ज पर पशुपालकों के भी केसीसी कार्ड बनाए जाएंगे ताकि पशुपालक जब भी गाय, भेंस, भेड़ या बकरी खरीदे तो उसे 4 फिसदी ब्याज पर लोन दिया जा सके। चुनौती को लेकर किए सवाल पर दलाल ने कहा कि चुनौती होने पर काम करने का मजा है।

उन्होंने कहा कि किसानों की आर्थिक हालत सुधारना, रोजगार उपल्बध करवाकर बेरोजगारी दूर करवाना हमारे लिए चुनौती है। साथ ही धान की खरीद को लेकर उठ रहे सवालों पर दलाल ने कहा कि पिछली बार की तुलना में काफी ज्यादा मात्रा में इस बार धान की खरीद हुई है। फिर भी कहीं कोई कमी है तो उसमें सुधार करेंगें।

भले ही कृषि मंत्री कर्ज माफी की बजाय किसानों को कर्जवान ना होने की योजनाएं लागू करने के दावे कर रहे हों, लेकिन ये आसान नहीं होगा। अब देखना होगा कि दलाल अपने कृषि प्रधान प्रदेश की सबसे बड़े किसान वर्ग को सच में कर्जवान होने से बचा पाएंगे या ये वादे सिर्फ वादे बनकर रह जाएंगे।