ख़बरें अभी तक। आज हम आपको बरगद के वृक्ष के फायदों के बारें में बताएंगे, हिंदु पौराणिक कथाओं में बरगद के वृक्ष को पवित्र वृक्ष बताया गया है। भारत में बहुत से मंदिर ऐसे है जहां बरगद का पेड़ देखा जा सकता है। आयुर्वेद में बरगद पेड़ का इस्तेमाल कई रोगों और संक्रमण के इलाज में किया जाता है। आयुर्वेद के अनुसार इसका पेड़ ‘वात दोष’ के लिए लाभकारी है।
इस पेड़ का बीज बहुत छोटा होता है किंतु इसका वृक्ष बहुत विशाल होता है। ये पौधा जीनस फाइकस के परिवार से संबंधित है। भारत में जो बरगद का पेड़ पाया जाता है वो फाइकस वेनगैलेंसिस है जो कि राष्ट्रीय वृक्ष भी है। विश्व के उष्णकटिबंधीय और गर्म समशीतोष्ण क्षेत्रों में भी ये प्रजाति पाई जाती है। बरगद के पेड़ की चमकदार हरे रंग की पत्तियां बड़ी और अंडकार होती है।
बरगद के पेड़ के फायदें………….
बरगद की जड़- 25 ग्राम
जटामांसी का चूर्ण- 25 ग्राम
गिलोय का रस- 2 लीटर
तिल का तेल- 400 मिलीलीटर
उपरोक्त सभी चीजों को आपस में मिलाकर एक साथ धूप में रख दे जब इसमें पानी जैसा सूख जाए तब बचे हुए तेल को छान लें इस तेल की मालिश से गंजापन दूर होकर बाल आ जाते हैं और बाल झड़ना बंद हो जाते हैं।
बरगद की जटा और काले तिल को बराबर मात्रा में लेकर खूब बारीक पीसकर सिर पर लगायें- इसके आधा घंटे बाद कंघी से बालों को साफ कर ऊपर से भांगरा और नारियल की गिरी दोनों को पीसकर लगाते रहने से बाल कुछ दिन में ही घने और लंबे हो जाते हैं।
बरगद के पत्तों की 20 ग्राम राख को 100 मिलीलीटर अलसी के तेल में मिलाकर मालिश करते रहने से सिर के बाल उग आते हैं या बरगद के साफ कोमल पत्तों के रस में, बराबर मात्रा में सरसों के तेल को मिलाकर आग पर पकाकर गर्म कर लें, इस तेल को बालों में लगाने से बालों के सभी रोग दूर हो जाते हैं।