प्रदेश सरकार राज्य की स्वास्थ्य सेवाओं को सुधारने की कवायद शुरू

खबरें अभी तक। मरीजों को अब प्रदेश के अस्पतालों में अन्य सेवाओं की तरह फिजियोथेरेपी सेवाएं शुरू करने की योजना है। लोगों को केवल दवाईयों पर निर्भरता कम करने के लिए अन्य चिकित्सा पद्धति अपनाने पर फोकस है। फिलहाल ये सेवाएं मेडिकल कॉलेजों में ही शुरू होनी है, जिसे बाद में जिला अस्पतालों तक पहुंचाने की भी योजना है।

फिलहाल प्रदेश में अभी दो मेडिकल कॉलेज अस्पतालों टांडा और आईजीएमसी में फिजियोथेरेपी विभाग काम कर रहें है लेकिन सरकार अब बाकी चार मेडिकल कालेज अस्पतालों में ये सेवाएं शुरू करने जा रही है। प्रदेश भर के लोगों के लिए अच्छी खबर है जिनको अब ईलाज के लिए प्रदेश से बाहर इस सेवा के लिए नही जाना पड़ेगा, अब प्रदेश के भीतर ही सरकार ये सुविधा उपलब्ध करवाने जा रही है। साथ ही प्रदेश भर में सैंकड़ों पढ़े लिखे बेरोजगारों के लिए भी इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर खुलने वाले है।

राज्य के सभी 6 मैडीकल कॉलेज एवं अस्पताल में फिजियोथैरेपी विभाग को मजबूत किया जाएगा।

सरकार अस्पतालों में पहुंचने वाले लोगों को दवाइयों पर कम आश्रित रखे जाने की बजाए दूसरी चीजें जैसे फिजियोथैरेपिस्ट और योग इत्यादि की ओर ज्यादा ध्यान केंद्रित करना चाहती है। इससे धन भी कम खर्च होगा और व्यक्ति बिना दवा के शीघ्र स्वस्थ हो सकेगा। फिजियोथैरेपी से मानसिक तनाव, घुटनों में दर्द, पीठ दर्द और जोड़ों में दर्द जैसी समस्याओं से जल्द छुटकारा मिल सकेगा। इससे शारीरिक शक्ति भी बढ़ेगी। साथ ही इससे किसी तरह का नुकसान भी नहीं होता है।

स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश सरकार फिजियोथैरेपी को बढ़ावा देगी। इसके लिए सभी 6 मैडीकल कॉलेजों में फिजियोथैरेपी के पदों का सृजन करने के साथ उन्हें भरा जाएगा। सरकार आयुर्वेद विभाग में भी योग सहित अन्य प्राचीन पद्धतियों को अपनाने पर ध्यान दे रही है।