हिमाचल प्रदेश में बनने वाली 13 दवाईयों के सैम्पल फेल, हरकत में आई सरकार

ख़बरें अभी तक। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के मानकों पर हिमाचल में बनायी जा रही 13 दवाईयों के सैम्पल फेल होने के बाद सरकार हरकत में आ रही है। स्वास्थ्य मंत्री विपिन सिंह परमार ने कहा इस तरह की कोताही बर्दास्त नहीं होगी, बार बार फेल होने वाली दवा कंपनी को ब्लैकलिस्ट करने की तैयारी। स्वाथ्य मंत्री ने कहा कि जीवन बचाने वाली दवा अगर असुरक्षित है तो ये बेहद संवेदनशील मामला है।

हिमाचल प्रदेश के उद्योगों में बनने वाली दवाएं लगातार मानकों पर खरा नहीं उतर रही हैं। केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन (सीडीएससीओ) के अक्तूबर के ड्रग चैकिंग में हिमाचल के फार्मा उद्योगों की 13 जबकि देशभर की 36 दवाओं के सैंपल फेल होने की जानकारी है।

हालांकि कुल 1163 सैम्पल में से 36 दवाईयो के सैम्पल फेल हुए है जिन में 13 दवाईयां हिमाचल में बनती है जो काफी गम्भीर मामला है। स्वास्थ्य मंत्री ने इसके जांच के आदेश के साथ बार-बार इर तरह टेस्ट में फेल होने वाली दवा कंपनियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की बात कही है।

दवाईयों को लेकर किये गए इस टेस्ट में हिमाचल प्रदेश के सबसे बड़े फार्मा हब औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन की 9, कांगड़ा जिले की 2, सिरमौर और ऊना जिले की 1-1 दवाओं के सैंपल फेल हुए है। ये दवाएं आंखों के उपचार, एंटीबायोटिक, दर्द निवारक, त्वचा रोग, फंगल इन्फेक्शन, मधुमेह आदि के उपचार में काम में आती हैं। सीडीएससीओ ने पिछले माह देशभर से 1163 दवा सैंपल एकत्रित किए थे। इसमें से 1127 दवाएं मानकों पर खरा उतरीं और 36 दवाएं सब स्टैंडर्ड पाई गईं।