केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री ने आयकर में छूट मांगने वालों को दिया करारा जवाब

खबरें अभी तक। केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री की तमाम घोषणाओं के बाद अब उनसे जुड़े नियमों को लेकर तस्वीर साफ हो रही है. इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरने वालों पर सरकार सख्ती के मूड में है. वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा है कि ऐसे लोगों पर शिकंजा कसा जाएगा.

वित्त मंत्री ने बताया कि टैक्स कानून में बदलाव किया जाएगा. जिसके तहत आयकर रिटर्न नहीं भरने वालों को टैक्स में छूट का लाभ नहीं मिलेगा. जेटली ने साफ कहा कि इस कानून में सरकार कोई रियायत नहीं करेगी. यानी अगर आप इनकम टैक्स रिटर्न नहीं भरते हैं तो सरकार की तरफ से लागू स्टैंडर्ड डिडक्शन टैक्ट छूट नियमों का लाभ नहीं मिल पाएगा.

1 अप्रैल से लागू होगा कानून-

वित्त मंत्री ने बताया कि सभी को कर प्रक्रिया में शामिल होना होगा. अगर कोई ऐसा नहीं करता है तो उन्हें कोई रियायत नहीं मिलेगी. सरकार इसी साल 1 अप्रैल से ये नया कानून लागू करने जा रही है.

इससे पहले वित्त मंत्री जेटली ने कहा कि उन्होंने अपने हर बजट में किसानों के लिए कुछ न कुछ करने का प्रयास किया है. जेटली ने बताया कि हमारी सरकार ने किसानों के लिए लोन आसान किया है. साथ ही किसानों के लिए फसल बीमा योजना लाई गई है.

फसलों के समर्थन मूल्य पर भी जेटली ने जवाब दिया. उन्होंने बताया कि सरकार ने हर बार समर्थन मूल्य बढ़ाया है और अगली फसलों के दाम डेढ़ गुना करने की कोशिश की जाएगी. बजट को लेकर कांग्रेस नेता और पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम की टिप्पणी का भी जेटली ने जवाब दिया. जेटली ने दो टूक कहा कि उन्होंने खुद कुछ नहीं किया है.

10 करोड़ परिवारों को हेल्थ स्कीम

दुनिया की सबसे बड़ी हेल्थ स्कीम की घोषणा को सरकार कैसे पूरा कर पाएगी, इस पर जब जेटली से सवाल किया गया तो सिलसिलेवार तरीके से इसका गणित समझाया. उन्होंने बताया कि देश का हर गरीब या हर व्यक्ति इलाज के लिए अस्पताल नहीं जाता है. इस स्कीम का मुख्य मकसद ये है कि गरीब व्यक्ति सरकारी अस्पतालों के साथ प्राइवेट अस्पताल में भी इलाज पा सके.

जेटली ने बताया कि जो भी गरीब व्यक्ति इस स्कीम के लाभार्थी बनेगा, उसी पर सरकार का पैसा खर्च होगा. उन्होंने बताया कि ये पूरी स्कीम इंश्योरेंस आधारित होगी और इंश्योरेंस की रकम ही सरकार को देनी पड़ेगी.